
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
300 से बिंडी गढ़वळि कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
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डाक्टरराम बिहारी अरोड़ा क जन्म 31 मार्च 1917 म ह्वे। डाक्टर अरोड़ा की प्रसद्धि भारतीय औषधि विज्ञान अर चिकित्सा शिक्षा म च। सवायीं मानसिंघ माधोपुर मेडिकल कॉलेज क औषध विज्ञान का संस्थापक अध्यक्ष छा। सवायीं मानसिंघ मेडिकल कॉलेज राजस्थान क पैलो मेडिकल कॉलेज च।
डाक्टर राम बिहारी अरोड़ा राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी क संस्थापक सदस्य छन (1961 ) , डाक्टर अरोड़ा पारम्परिक चिकत्सा व कार्डियोवैस्कुलर फार्माकोथेरेप्युटिक्स अनुसंधान हेतु प्रसिद्ध ह्वेन। डाक्टर राम बिहारी अरोड़ा न पचास से बिंडी रिसर्च पेपर्स प्रकाशित करिन। इलै इ विज्ञान व औद्योगिकी संस्थान सन 1961 म डाक्टर अरोड़ा तै शांति स्वरूप भटनागर पुरूस्कार दे जो चिकित्सा क्षेत्र म पैलो च।
कुछ अन्वेषण कार्य ग्रंथ विवरण
1970 , सुवरों में सीरम कोलस्ट्रोल ….. टीजे सिंह , ओपी गुप्ता , तारिक एम , आर बी अरोड़ा
1971 , रसेल वाइपर विष उपचार म हाइड्रोकरतीसोन और हाइड्रोकरतीसोन एंटीवेनीन …. एस डी सेठ , जे ऐस गुलेरिया अर आर बी अरोड़ा
1972 , ‘ हृदय फेफड़े की तैयारी। … कुत्तों ….. ‘ आर बी अरोड़ा , बागची , ओपी गुप्ता
1973 ‘प्राचीन भारतीय साहित्य में गठिया ‘ आर बी अरोड़ा, जे एन शर्मा
1973 ‘ कस्तूरी के एंटी हिस्टामिनिक और स्पास्मोलिपिटिक प्रभाव ‘, एस डी सेठ , बागची , एबी मुखोपध्याय , एम सी प्रभाकर और आर बी अरोड़ा
डाक्टर अरोड़ा क पत्नी नाम इर्मिला छौ अर तौंक द्वी नौनु छा।
डाक्टर राम बिहारी अरोड़ा क देहावसान 1997 म ह्वे।