(ननि नाटिका )
(ननि ननि नाटिका श्रृंखला )
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नौटंकी – भीष्म कुकरेती
पात्र
सूत्रधार
अनाथ कुत्ता
शेर
डाळ मथि बांदर
एक बड़ो डाळ
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सूत्रधार – भौत समय की छ्वीं छन । एक अनाथ कुत्ता भूकन इना उना बिरड़न छौ कि वैन एक बड़ो डाळ तौळ कै पशु क हडकों ढेर देखि अर एक हडक चबाण लग गे।
कुत्ता ( डाळ पैथर हडका चबांद चबांद। स्वतः ) – हडका पुरण छन, भैर मांस नाम मात्रा क बि नी भितर कुछ कुछ होलु ।
(इथगा म एक शेर समिण बिटेन आण लग। )
कुत्ता (स्वतः ) ये मेरी ब्वे ! आज मिर्त्यू लगभग शत प्रतिशत च। शेर तो … किंतु वु कुत्ता नी जु अंतिम समय तक अपर रक्षा का अवसर पैदा नि कारो। मि तैं बि स्वांग करण पोड़ल।
कुत्ता ( अधिक बड़ी ध्वनि से ) – ओहो आज छुट शेर इ मार। तै शेराक हडका कुंगळ छन। अब बड़ो शेर मारणो युक्ति करण पोड़ल। बस क्वी शेर आलो तो मि वै पर कुद्दी मार देलु।
डाळ निकट आयुं शेर (स्वतः ) हे मेरी ब्वे ! यु कुत्ता तो बड़ो शिकारी कुत्ता च जैन एक शेर मार याल अर दुसर शेर क जग्वाळ म च। मै तैं इख बिटेन भगण पोड़ल। (अपर इ पंजों छाप देखिक ) अर इना शेर का पंजौं छाप बि छन )
(शेर डरन भगण मिसे गे )
सूत्रधार – डाळ मथि एक बांदर सब दिख्णु छौ।
बांदर (स्वतः ) – अरे वह। शेर का दगड़ मित्रता करणो सबसे बड़ो अवसर आयुं च। मि सब कुछ शेर तै बताई दीन्दो अर शेर से मित्रता करदो।
बांदर (डाळ बिटेन छलांग मारदो अर भजदो शेर क समिण खड़ ह्वे जान्दो ) – शेर दादा ! शेर दादा ! त्वे तैं तै कुकरो लौड़न मूर्ख बणाइ दे।
शेर (बांदर से ) – अच्छा तै कुकरौ लौड़न मै मूर्ख बणाई ! तू म्यार कंधा म बैठ जा अर मि तै कुकर तै मारदो।
(बांदर शेर का कंदा म बैठ गे। अर शेर पुनः डाळ ओर आण मिसे गे। कुत्ता न देखि कि अब तो बांदर शेर क कांध म च अर शेर रोष म आणु च )
कुत्ता (स्वतः ) – अब तो मिर्त्यु पक्की च। किन्तु चतुरता तो अंत क्षण तक नि छुड़न चयेंद। बांदर तै शिक्षा तो मिलण इ चयेंद।
कुत्ता )ध्वनि म ) – क्या रै बांदर ! आज से तेरी जीविका गे। अब तू म्यार सेवक लैक नि छे। मीन त्वै छद्म से द्वी शेर पकड़नो भेज छौ अर तू एक इ शेर लै ? आज से तेरी जीविका समाप्त।
शेर (रोष म ) – तो बांदर ! या तेरी कुटिलता च मै कुत्ता का शिकार करवाणो ? शेर से धोखा ? ले (शेर न बांदर फाड़ी मार दे अर कुत्ता क डौर न भाजी गे )
कुत्ता (स्वतः ) – चलो चतुरता से द्वी शत्रु दूर ह्वे गेन।