एक गढ़वाली भाषा नाट्य कर्मी की समस्याएं जो वही अनुभव लरते हैं है
गढ़वाली -कुमाऊंनी नाटकों की चुनौतियां – 2
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भीष्म कुकरेती (भारतीय साहित्य इतिहासकार )
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आज मैं गढ़वाली नाटकों की समस्याओं पर चर्चा नहीं करूंगा अपितु उन अनोखे समस्याओं का वर्णन करूंगा जो गढ़वाली नाट्य /फिल्म कर्मी (अभिनेता व अभिनेत्री, संगीतज्ञ , नृत्य शिल्पी , आदि ) अनुभव करते हैं-
१- यह समस्या नहीं किन्तु बहुत बार अभिनेता या अभिनेत्री नाटक या फिल्म के वस्त्रों में ही थियटर या लोकेसन से घर आना पड़ता है। विशेषकर मेक अप का मुंह लेकर घर आना ।
२- नाट्य शिल्पी (अभिनेता, अभिनेत्री, संगीतकार , गीतकार , डिजाइनर , उद्घोषक आदि ) रिहरस्ल से देर रात घर आता है व तड़के सुबह काम पर जाना होता है।
३- ड्रामा या फिल्म हेतु पर्याप्त कलाकार या शिल्पियों का न मिलना
४- तुम तिहाई मार्ग पर हो व तब तक पूर्वाभ्यास (रिहर्सल ) समाप्त हो चुकी होगी फिर भी तुम चलते रहते ही हो आशा में।
५- ना तो शिल्पी के पास भोजन /नाश्ता या रात्रि ड्रिंक के लिए पर्याप्त धन है ना ही नाट्य निर्माता के पास धन है।
६- पूर्वाभ्यास के बाद किसी मित्र के पास ड्रिंक की आस में जावो और मित्र बहाना बना रहा हो।
७- शिल्पी द्वारा प्रत्येक पूर्वाभ्यास हेतु घर से धन लेना और इस पर्श का उत्तर न दे सकना कि इतना वयवय कर लिया तो वापस कब मिलेगा।
८- जब मित्र , घर वाले पूछते हैं कि जब गढ़वाली ड्रामा से कुछ नहीं मिलता है तो क्यों फोकट में ड्रामा में भाग लेते हो। शिल्पी को पता है कि सामने वाले को मातृभाषा साहित्य विकास की समझ ही न हो।
९- जब किसी लड़की को बुढ़िया का रोल करना पड़े व पुत्र का रोल कोई प्रौढ़ ऐक्टर कर रहा हो।
१०- ड्रामा अभिनय हेतु अपने घर से वस्त्र लाने पड़ते हों।
११- जब नाट्य शिल्पियों के रिस्तेदार , मित्रों को नाट्य मंच की समझ ही न हो और शिल्पी को रिश्तेदारों के जन्म दिन उत्स्व , चिठ्ठी रुपया रळाण /इंगेजमेंट जैसे कई कार्यक्रम (पार्टी) से नागा करना पड़ता है।
क्योंकि नाटक का पूर्वाभ्यास करना पड़ता है।
१२ – नाटक करने से बहुत पहले जटिल मेक अप कर लिया हो और मेक अप बिगड़ रहा हो किन्तु शो में अभी भी विलम्ब हो।
१३ -जब परिवार वाले या रिस्तेदार खुले आम कहते फिरते हैं हमारे लिए तो तुम मर चुके हो या किसी काम के नहीं हो।
१४ -जब बार बार किसी प्रतिभाहीन किन्तु सुंदर लड़की को बार बार रोल मिलता जाता है।
१५- जब तुम्हे मंच पर ोजता पूर्वक बोलना हो और माइक समस्याग्रस्त हो गया हो।
१६- नाटक में महत्वपूर्ण अभिनेता या अभिनेत्री नाटक शुरू होते ही बीमार हो जाय या मेंटली अपसेट हो जय।
१७- नाट्य गृह में महिलाओं हेतु डीआरएस परिवर्तन हेतु बंद कक्ष न हो। महिला कलाकारों के सम्मुख ही पुरुष कलाकारों को कपड़े बदलने पद रहे हों।
१८- नाटक में दस -पंद्रह से अधिक कलाकार हों व मेक अप रूम में एक ही आइना होता है।
१९- प्रत्येक बार इस आशा में नाटक करते हो कि कुछ मेहनताना मिलेगा किन्तु प्रत्येक बार मेहनताना नहीं मिलता व फिर भी नाटक करना पड़ता है कि अपनी मातृभाषा विकास हेतु या नाटक करना प्रेम से अधिक हो हेतु नाटक करने होते हैं ।
२०- नृत्य की रिहरस्ल भी घर में करना पड़ ता हो व घर वालों को नृत्य या संगीत से चिढ हो या समझ ही न हो।
२१- विवाह उपरान्त नाटक करने पर रोक लगा दी गयी हो।