
300 से बिंडी मौलिक गढ़वळी कहानी रचयिता : भीष्म कुकरेती
मि बचपन तो ना युवा काल से हि डौळमुंड्या डा कि भुक्तभोगी छौं। जब युवतियों से प्रेम की पेंग बढ़ानो समय छौ तब मि दिल्ली का चोर कंपनियों से ‘अपने बाल तीन दिन में उगाएं ‘ को विज्ञापन पढ़ण म व्यस्त रौंद छौ। ब्यौ काज म गां मा या शर म कैं युवती पर लाइन मरणो सैन करदो छौ तो तख बिटेन धिक्कारणो आँख अर ध्वनि आंदि छे काका क आयु म लाइन मरदो लज्जा नि आंदि।
भौत दिनों तक ब्यौ बान चक्कर काटिन कै तैं बि मेरी वास्तविक जन्मपत्री पर विश्वास नि ह्वे ना ही मेरो है स्कूल को बर्थ सर्टिफिकेट काम आयी। तो सगा संबंधियों न अपर ब्वेक सौं खैक मेरी मांगण अपर संबंधी क बेटी से कराई। घरवळि तैं अबि बि संदेह रौंद कि वे फूफा न झूठ ब्वाल कि मेरो जन्म सन 52 को च।
मुंबई म शादी ब्यौ म बच्चा दगड़ नि आंदन लोग मि तैं म्यार बच्चों क ददा समजदन। वाइफ क दगड़ चलदो तो बाट म छ्वारों क उलाहना सुणनोमिल्दो कि , ” बुड्ढे को नई नई छोरी मिल जातीं हैं हमे बुड्ढी बि नसीब नहीं “
इनि मेरी कॉलोनी म बगल की बिल्डिंग म अनिल धनान कर जी छन। ऊंक म्यार दगड़ को मुख्य कारण च वो बि युवाकाल म खल्वाट ह्वे गे छा। ऊंक अर मेरी बिल्डिंग क गेट अगल बगल म ही च। प्रतिदिन हम लगभग दस बजे सुबेर नास्ता पाणी घूळी दगड़ी न्याड़ क एक म्युनिस्पल बगीचा म जांदवां गर्मी (जो नौ -दस मैना रौंद ) म हम छाँव म बैठदा अर शेष घाम म।
द्वी रिटायर्ड छंवां बट नोट टाइयर्ड। आज मी बि गेट से भैर औं अर धनानकर बि गेट से भैर आयी। तो धनानकर बरड़ाणु छौ कि , “स्साले अपनी आयु तो देखते नहीं मुझे अंकल कहते हैं कि मेरा स्वास्थ्य तो ठीक है अंकल ?”
बगीचा म जांद जांद धनानकर न बताई कि बिल्डिंग म एक नै भड़ोतरी आयुं च। स्यु धनानकर तैं लिफ्ट म मील। तो भड़ोतरी न ही परिचय हेतु बात शुरू करणो ध्येय से धनानकर तैं पूछ , ” अंकल बुढ़ापे में स्वास्थ्य का तो ध्यान रखते हो कि नहीं। ” भड़ोतरी बि बुड्या ही छौ।
धनानकर तैं ये वाक्य सुणनो ढब पड़ गे तो उदासीन भाव म उत्तर दे , ” व्हाई नॉट। आई पे हाई अटेन्सन ऑन माई हेल्थ। “
नयो भड़ोतरी न उत्साह म ब्वाल , ” दैट्स वेरी गुड। बाइ द वे आपक आयु क्या च ?”
धनानकर या मि कैक मुखन बि यु प्रश्न ” ई पे हाई अटेन्सन ऑन माई हेल्थ। ” सुणदा तो सरा शरीर पर आग लग जांद।
धनानकर तैं बुर तो लग पर धनानकर न उल्टां पूछ दे , ” आपक डेट बर्थ ?”
भाड़ोत्तरी क सब जगा क बाळ भूरिण अर झंगरेट्या छा।
भड़ोतरी न उत्तर दे , ” अंकल नाइनटीन फोर्टी सेवन। “
धनानकर न उत्तर दे , ” मेरो बर्थ डेट फिफ्टी थ्री को च। “
भड़ोतरी न संदेह म ब्वाल , ” अंकल यू डोंट लुक …. “
धनानकर न खीसा उन्द हाथ डाळ अर थोड़ा क्रोध म ब्वाल, ” पासपोर्ट दिखौं या जन्म पत्री ?’
भड़ोतरी क मुख लाल ह्वे गे तो ब्वाल , ” सोरी अंकल “
अर धनानकर न जोर से उत्तर दे , ” अंकल होगा तेरा बाप … “
अर लिफ्ट म यीं घटना से धनानकर अति डिस्टर्ब्ड हुयुं छौ तो मी बि किलैकि हम द्वी डौळमुंड्या दुःख का दुख्यर छंवां।