गढ़वाली भाषा /भोजन साहित्य /पाक कला /
आलेख – भीष्म कुकरेती
ऑफलाइन (पारम्परिक ) माध्यमों म गढ़वाली म भोजन , भोजन पाक कला , गृह विज्ञान साहित्य नि प्रकाशित ह्वे। इंटरनेट माध्यम बि गढ़वाली म भीष्म कुकरेती न पाक कला , भोजन साहित्य , गृह विज्ञान संबंधी साहित्य की शुरुवात कार।
किन्तु गढ़वाली भाषा /भोजन साहित्य /पाक कला / कुकिंग लिटरेचर /गृह विज्ञान आदि साहित्य तै इंटरनेट म विकसित करणो श्रेय कुछ महिलाओं तै जांद जौंक काज सदा रालो। यूं महिलाओं मधे सरोज शर्मा , उषा बिजल्वाण , अनिता ढौंडियाल , प्रेमलता सजवाण , बिमला रावत , अंजना कंडवाल , अंजना कुकरेती, गिरीश ढौंडियाल को अधिक च। कुमाऊंनी म सुमीता परवीन को काज स्मरणीय च।
ये साहित्य मदे सरोज शर्मा को कार्य सर्वोपरि च।
सरोज शर्मा न गढ़वाली भाषा म निम्न साहित्य म अपण बहुमूल्य योगदान दे –
गढ़वाली मा भोजन पाक कला साहित्य – पारम्परिक भोजन पाक कला म ४९ लेख। उत्तराखंड व आधुनिक भोजन की रसीपी सरल समज म आण वळ गढ़वाली म लेख छन। दगड़म भोजन सजवट का साथ फोटो बि छन याने सरोज शर्मा न खुद भोजन पकाई अर तब रेसिपी /पाक विधि लेखी।
गढ़वाली भाषाम भारतै भिन्न भिन्न चटणी की पाक विधि साहित्य – सरोज शर्मा तै भोजन शोध म दिलचस्पी हूण से सरोज शर्मान भरत का भौं भौं क्षत्रों क चटणी बणाणै विधि पर समज म आण वळ गढ़वाली म ५३ लेख लिखिन जु सोशल मीडिया म चर्चित भौत ह्वेन ।
गढ़वाली म भोजन इतिहास साहित्य – सरोज शर्मा कु प्रत्येक कार्य चिर स्मरणीय च। सरोज शर्मान चाट , दही भल्ला , पानी पूरी , पुलाव , पररसर कुकर , हलवा , जलेबी , फ्रेंच फ्राई , वड़ा पाँव , चा , साम्बार नामकरण , बिरयानी पुलाव , फलूदा , खिचड़ी , समोसा , गुलाब जामुन , शिमला मिर्च , बटर चिकन , भारत म सेव कथा आदि भोजन इतिहास गढ़वाली म पोस्ट करिन। यु योगदान बड़ो योगदान च।
सरोज शर्मा की भाषा सरल गढ़वाली च व हिंदी व अंग्रेजी शब्दों क प्रयोग हुयुं च। भाषा पर बैजरों /वीरोंखाल क तरफ की पूरी छाप च।
सरोज शर्मा का लेखों से कई नया बँचनेर गढ़वाली तै मिलेन। सरोज शर्मा का कार्य देखि भौत सा अन्य महिला बि भोजन साहित्य लेखन म अगवाड़ी ऐन अर यु योगदान भौत बड़ो योगदान माने जालो।
हिंदी म पोस्ट ग्रेजुएट सरोज शर्माक जन्म कोलगाड गाँव म ह्वे अर ससुराल बस्यूड़ (चौंदकोट ) च। अबि सरोज शर्मा अपण पीटीआई पंडित भारत भूषण शर्मा क दगड़ सहरानपुर म रौंदी।
गढ़वाली साहित्य सदा सरोज शर्मा क भोजन पाक कला , भोजन निर्माण कला व भोजन इतिहास साहित्य लेखन का वास्ता ऋणी राल।