संस्कृति

गढ़वाली रंगमंच विकास में  नाट्य शिल्पियों का योगदान श्रृंखला -11   संकलन – भीष्म कुकरेती  डा डी आर पुरोहित उत्तराखंडी सांस्कृतिक विरासत ...
गढ़पतियों  से पंवार वंश स्थापना  (1250 -1500  ) तक गढ़वाल में अस्तित्व -रक्षा   जनित  पर्यटन Survival Tourism...
गढ़वाली रंगमंच विकास में  नाट्य शिल्पियों का योगदान श्रृंखला -10  संकलन – भीष्म कुकरेती स्व उमा दत्त डोभाल अपने काल के...
उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास )  -39     लेखक : भीष्म कुकरेती  (विपणन व बिक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )    1700  से 1790  तक कुमाऊं...
चंद राज्य  (1420 -1499 ) में  पर्यटन -2 उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास )  -35...
आंचलिक   भाषायी (गढ़वाली -कुमाऊंनी ) नाटकों में  बाल कलाकारओं  की अल्प   संख्या   बाल कलाकार श्रृंखला -१  –...
आंचलिक   भाषायी   (गढ़वाली कुमाऊंनी  ) नाटकों की चुनौतियां – 7 भीष्म कुकरेती  (भारतीय साहित्य इतिहासकार )  महाविद्यालय  जीवन...
ग्रामीण गढ़वाल में  आधुनिक गढ़वाली नाटकों का मंचन न होना  :   गढ़वाली नाटक निर्माण की मुख्य समस्या     (कैच देम यंग  (बचपन में आदत डालो...
(विज्ञानं विनियम की शुरुवात )  The arrival of Shankaracharya boosted Organized Uttarakhand Tourism Management (  शंकराचार्य आगमन काल...
उदय दिनमान अब अपणी भाषा मां इंटरनेट पर भी-https://www.udaydinmaan.co.in मेरू उत्तराखंड -उत्तराखंड राज्य की अच्छी-बुरी बात गढ़वाली और कुमाउनी भाषा मां ये पेज पर मिलली। पहाड़ -राज्य की संस्कृति,सभ्यता और लोकोत्सव का साथ-साथ सभी कार्यक्रम। दिल से -पहाड़ का साहित्यकार, रचनाकार अर पत्रकारों की बात अपणी भाषा मा। कविता-गढ़वाली और कुमाउनी कहानी -सिर्फ गढ़वाली और कुमाउनी बोली-भाषा मां सोशल मीडिया-वर्तमान समय मां सोशल मीडिया पर हमारी गढ़वाली और कुमाउनी भाषा का वीडियों, आडियों व अन्य संपादक बीना बेंजवाल सिल्ली, अगस्त्यमुनि, जनपद रूद्रप्रयाग उत्तराखंड 6395509100 benjwalbeena2@gmail.com