वोट डळन चला साथियूं लोकतंत्र का बणां बराती अठ्ठार साले उमर कर्लि पूरी त वोट द्योणौ मिली...
विदेश
मतदान अब बटि हमारि पछांण द्यौण जांण हमुन मतदान दै-दादा दगड़ि लिजांण भैजी बौजी तै समझांण दीदी...
आज फिर बरखा लैगी, भैर भारी जाडू़ ह्वैगी, डांडा-कांठों पड़िगी बर्फ, झगुलि,टोपली भैर ऐगी। आज फिर….. लरक-तरक...
सुनिन्द सियैंण वळा भि अब झटपट्ट बिजिगिन, मिन भी सूणि दगड्यों ऐसु फिर चुनौ ऐगिन।। क्वी मंदिरों...
‘ कोरी बथ’ लूक्यां मूसौं फौज फिर से दिखेणी च भट्या-भट दिनमान रात दिन ह्वईं च। गौं-गळयूं...
–बाखरि— ।*बिचारि बाखरि* मेंऽ मेंऽ कनी छे स्या, जूड़ि परं बंधीं । पूछ्या गै – क्य करि...
१८वीं सदि मा प्रबल गढ़वाळ राज्या परसिद्ध अर जण्या-मण्या दीवान कृपाराम डोभाल का वंशज श्रीराम डोभाल जी...
जैंकु बुबा थाणेदार वींका खुंगला पुरस्कार जैंकु अपणु न पर्या वीं तैं प्वोर मु धर्या जैका मुंड...
बिस्वास छ मि तैं सक नी क्वी भोळ जरूर होलु सुख-चैन भोळ नि होलु आजै तरां भोळ...
बडूली एक गढ़वाली शब्द है, जिसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ होता है हिचकी आना और हमें हिचकी...