मि अर मेरी बुद्धिम जुद्ध (लघु हास्य नाटिका ) – नौटंकीबाज – भीष्म कुकरेती बुद्धि -हे ! सूण ! सूण ना ! मि –...
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मिलाम के एक छाज में काष्ठ कला मिलाम (मुन्सियारी पिथौरागढ़ ) के एक भवन छाज में काष्ठ अलंकरण, काष्ठ उत्कीर्णन अंकन...
शर्त ( रूसी कहानी ) मूल:आंतोन चेखव अनुवाद: सरोज शर्मा गहन अंध्यरि रात मा एक बुजुर्ग साहूकार अपण...
कथा – भीष्म कुकरेती एक घिंडुड़ी छे। खूब रंगीन स्वभाव की छे। तैंक घोंसला घर क छत...
उत्तराखंड क पारम्परिक भोज श्रृंखला सर्यूळ – भीष्म कुकरेती उत्तराखंड क पहाड़ी क्षेत्रों म बौणौ सुंगरौ मांस सहस्त्रों...
रीठा (चम्पावत ) के भवन संख्या १ में काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन Traditional House Wood...
गोद भरणवळ गोदेश्वर शिबालाs महत्व कथा निस्संतान तैं संतान दिलाये गोदेश्वर शिबाला कथा – भीष्म कुकरेती s = आधी...
चतुर गणपति (एक आनंददायी कहानी ) कथा – भीष्म कुकरेती एक समय की छ्वीं छन। जोशीमठम संतों क संगोष्ठी चलणी छे। तखम...
Traditional House Wood Carving art of, Majhera , Bihkhiyasain Almora, Kumaon कुमाऊँ , के भवन में ( बाखली ,तिबारी, निमदारी...
लॉटरी क टिकट (रूसी कथा) मूल : आंतोन चेखव अनुवाद–सरोज शर्मा ईवान डमीट्रिच बारह सौ रूबल कि वार्षिक आय वल परिवार क भरण–पोषण करणवल अपण भाग्य से संतुष्ट एक मध्यमवर्गीय आदिम छा। बयखुन क खाण क बाद सोफा म बैठिक अखबार पणणु छा। मि आज क अखबार नि देख पै वैकि घरवलि न बोलि–जरा द्याखा त सै वैम लॉटरी जितणवलो क नम्बर छन कि ना? हां छैं छन ईवान न बोलि पर त्यार टिकट क त तारीख निकल गै? ना मिन मंगलवार क दिन टिकट बदलवै द्या छा। क्या नम्बर च? सीरीज 9,499,नंबर 261″ ठीक च देख ल्यूंल–9,499 और 261″ ईवान थैं लॉटरी मा कतै विश्वास नि छा। अपण उसूलो क हिसाब से वु जितणवलो कि सूचि द्यखण वल नि छा। पर वै बखत वै कुछ काम भि नि छा,और अखबार भि समणि ही छाई, इलै वैन नंबरो कि सूचि मा अंगुली घुमै। वैक अविश्वास क मजाक उणांदि वैकि नजर दुसर लैन पर 9,499 नंबर मा गढ़ि गै। अपणा आंखों मा वै विश्वास नि ह्वै। टिकट क नंबर बिना द्यखयां वैन अखबार घुंडो मा टिकै, इन लगि वै जनकि कैन मुंड मा ठंडु पाणि डाल द्या ह्वा पुटगा मा अजीब गुदगुदी महसूस हूणीं छै। माशा!9,499 नंबर च वैन अविश्वसनीय अवाज मा बोलि। वैकि घरवलि वैका हैरान परेशान मुख देखिक समझ ग्या कि वु झूठ नि ब्वलणु च। 9,499″ वींन पूछि। वींक मुख पीलू पोड़ ग्या मेजपोश वींन मेजमा हि छोड़ द्या। हां हां सचि ऐमा च। और टिकट नंबर? हां टिकट नंबर भी च,रूक इंतजार कैर। मिन बतै ऐ मा हमरि सीरीज नंबर भि च तु समझणी छै न? घरवलि जनै देखिक ईवान क मुख मा एक निश्छल मुस्कान ऐ गै जनकि बच्चों थै रंग बिरंगी चीज देखिक ऐ जांद। वै भि या बात भलि लग कि वैन सीरीज नंबर हि बतै, टिकट क नंबर देखणा कि कोशिश ही नि करि। धन ऐश्वर्य कि आशा स्वयं मा हि सुखद और रोमांचकारी हूंद।...