नसीरुद्दीन जी ! अतिवादी विचार वाला ही औरंगजेब की प्रशंसा कर सकता है
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(चबोड़ाचार्य की हास्य व्यंग्य श्रृंखला )
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गढ़वळिम सर्वाधिक व्यंग्य रचयिता – भीष्म कुकरेती चबोड़ाचार्य’
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ब्याळि एक टीवी चैनल म भारत म ‘ मुस्लिम फगोसेणा छन ‘ गैंग का खल गैंग लीडर नसीरउद्दीन शाह एक फिल्म क प्रचार म इंटरव्यू दीणा छा अर अपर अतिवादी , सामंतवादी , “मुगल ही राज करण जणदन व हिन्दू जन मोदी जी राज नि कौर सकदन ” की विचारधारा तैं अनावृत कर ही दे। सेक्युलरों की नंगई प्रदर्शित होइ गे ।नसीरुद्दीन शाह न मुगल पंथी ना सामंतवादी विचारधारा क उलटी कर इ दे। आजकल भौत सा नेता व मौलवी मुगल काल व सुलतान काल की बड़ी प्रशंसा हि नि करदन अपरोक्ष रूप से हिन्दुओं तै चिरड़ांद बि छन कि हिन्दू तो गुलाम छा।
अच्छा नसीरुद्दीन शाह तो बुद्धिजीवी बि च , हिंदी विरोधी रोमिला थापर का स्कुल क छात्र च तो बड़ी धूर्ततापूर्ण, चतुरता से , पीठ पर छुरा भोंकू मिजाज से बोलि गेन कि सुल्तान कुल या अफगानी कुल आतंकवादी , हत्त्यारा, जनविरोधी छा किन्तु उजबेकिस्तान का चोर , डाकू , लुटेरा अर्थात मुगल तो सन्यासी छा , संत छा । कुटिल , धूर्त , हिन्दू विरोधी वामपंथी इतिहास का शिष्य नसरुद्दीन शाह न इख तलक बोलि कि बादशाह औरंगज़ेब तो अति कटटर धार्मिक व्यक्ति छौ। भारत तै मूर्ख बणान वळ वामपंथी इतिहास को संदर्भ से नसरुद्दीन शाह औरंगजेब तै साधू सन्यासी बादशाह सिद्ध करणों पुठ्याजोर लगाणु छौ। धुर्या विचार का बटोइ भी धूर्त ही होलु तो जब वामपंथ हिन्दू विरोधी सिद्ध होइ गे तो अवश्य ही वामपंथ इतिहास का टिक्वा लीण वळ जब औरंगजेब तै साधु संत घोसित कारल तो आश्चर्य क्योकु होलु हम हिन्दुओं तै ?
नसीरुद्दीन शाह तै जरा किताबे -औरंगजेब का कातिलाना अंदाज बयां करण इ पोड़ल मै तैं।
वर्णशंकर विचारधारा वामपंथ का पळ्यां पुस्यं नसीर जी ! क्या हिन्दुओं पर ही जजिया कर लगाण उचित थौ कि तुम औरंगजेब का चारण बणना छा ?
हे सेक्युलरो का गैंग लीडर ! क्या हिन्दुओं तै मार बाँधी मुसलमान बणाण क्वी महान बादशाह को गुण हून्दन ?
हे ‘मुस्लिम फगोसण्यआ छन ‘ विचार वळ अमीर खान , शाहरुख खान का दगड्या जरा इन तो बताओ क्या आज आज नौकरियों म धार्मिक भेद भाव हूंद ? जबकि टुमारो आदर्श बादशाह कातिलों का कातिल औरंगजेव का समय राजकीय नौकरियों म हिन्दुओं तै स्थान नि मिल्दो छौ।
हमर गढ़वाल तो साक्षी च कि औरंगजेव न अपर भाई दारा , मुराद आदि की जघन्य हत्त्या नि कार अपितु भतीजा सुलेमान शिकोह की भी जघन्य हत्या कार तुमर आदर्श बादशाह न अर ये चक्कर मनिर्दयी , हृदयहीन , अमानुष औरंगजेब न गढ़वालियों तै बि भौत त्रास दिलवाई छौ। गढ़वाल का इतिहास चूँकि वर्णशंकर वाम पंथियों न लेखी तो तुम तै औरंगजेब का मानव हत्त्यारा गुण कनै पता चलण ?
अर हे स्क्युलर गैंग का गैंगमास्टर ! याद दिलाई द्यूं कि तुमर निशान ये बादशाह औरंगजेब न हिन्दू व्यापारियों दगड़ बि भेद भाव कार। हिन्दू व्यापारियों से ५ प्रतिशत चुंगी उगाई जांदी छे तो मुस्लिम व्यापारी चुंगी मुक्त छा। या च तुमर आदर्श राजा की घृणायुक्त , भेदभाव युक्त कर प्रणाली।
औरंगजेब न हिन्दुओं क शिक्षा प्रणाली ही समाप्त करवाई।
हे वामपंथ का छली शिष्य ! जरा किताबे औरंगजेब व किताबे औरंगजेब दस्तावेज तो देख ले कि मानव हन्ता औरंगजेब न कथगा मंदिर तोड़िन अर कथगा हिन्दू मूर्ति खंडन कार वे दुर्दांत न ? ठीक से किताबे औरंगजेब बाँचिल तो हे वामपंथ का बेशरम शिष्य शरम से पता नि तुम तै क्या होलु धौं जब औरंगजेब का मानव अन्यायी गुण पता चौलल त्वे !
सेक्युलर गैंग का दुर्दांत सदस्य , हिन्दू विरोधी गैंग का गुर्गा ! जरा औरंगजेब या मुगलों की प्रशसा से पैल ऊं लाखों लाचार , हिण्डोन का त्रास , वेदना , असहय संताप , शारीरिक व मानसिक दुःख का बारा म विचार कौर तब तै क्रूर , हठी , निर्दयी , भ्रातृ हत्त्यारा, भतीजा हत्त्यारा बादशाह औरंगजेब की स्तुति कौर। पैल आज तक हिंदिओं पर राम मंदिर तुड़नो जो घाव छन वो याद कौर तब तै मंदिर तोडू , मूर्ती भंजक व मुगल बादशाहों की आरती उतार।
भारत म स्वतंत्रता उपरान्त तुम सरीखा बुद्धिजीवियों द्वारा निरंतर मानसिक उत्पीड़न अति दुखदायी च। तुम वो लोग छा तुम वो गिरोह का गिरोहबाज छा जो हिन्दुओं की बेटी ब्वारियों तै महिला स्वतंत्रता सिखाणा बान हिन्दू महिलाओं तै सपुक लीण से बि मना करदा अर मुस्लिम महिलाओं वास्ता हिजाब हेतु हिन्दुओं की आलोचना करदा।
हे औरंगजेब का प्रेमी ! आक्रांता तो ाकान्ता ही हूंद दुखदायी ही हूंद , मुगल तब भी त्रासदाई छा योंकि याद आज भी त्रास ही दीन्द।
मुगल आक्रमणकारी हिन्दू हत्त्यारा छा तब बि अर आज तुम सरीखा मुगल प्रेमी औरंगजेब की प्रशंसा कोरी हमर मानसिक हत्त्या करण पर आयां छा।
अब हिन्दू बि जग गेन तो तुमर तिरयाचारित नि चलल अब। तो इन बकवास करण बंदा कारा कि औरंगजेब व मुगल राज आदर्श राज छौ। बंद कारो बकबास !