
प्रेरक वैज्ञानिक जीवन व वैज्ञानिक शोध कहानियां श्रृंखला
प्रत्येक भारतीय तैं भारतीय वैज्ञानिक मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या पर गर्व च। भारत हि ना ब्रिटिश समुदाय भि मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या क सम्मान करदा छह। भारत म विश्वेश्वरय्या तैं सम्मान दीणो हेतु 15 सितंबर तैं इंजीनियर डे घोषित करे गे।
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या को जन्म 15 सितंबर 1860 म कर्नाटक को कोलार जनपद क चिक्काबल्लापुर (मैसूर ) , म एक तेलगु परिवार म ह्वे छौ। पिता क नाम श्रीनिवास सास्त्री अर ब्वेक नाम वेंकाचम्मा छौ। तौंक निधन 14 अपैल 1962 कुण ह्वे छौ।
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या का पुरखा प्रकाशम जनपद आंध्र प्रदेश का छा। मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या की प्रारम्भिक शिक्षा चिक्काबल्लापुर म ह्वे। अगनै पढ़णो को मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या बंगलौर चल गेन। परिवार म समुचित धन नि हूण से मोक्षगुंडम न ट्युसन से अपर व्यय चलाई। सन 1880 म बीए प्रथम श्रेणी से पास कार। यांक उपरान्त मैसूर सरकार क सहयोग से इंजीनियरिंग करणो हेतु पूना म साइंस कॉलेज म प्रवेश ले। सन 1883 म इंजीनियरिंग की डिग्री म प्रथम ऐन। महाराष्ट्र शासन न तौं तै नाशिक म सहायक अभियंता पद पर नियुक्त कार।
मोक्षगुंडम न भौत सा क नदियों क जुड़न , बाँध बंधण पर प्रशंसनीय कार्य कौर। जब विश्वेश्वरय्या मात्र 34 वर्ष का छा तब तौंन सिंधु नदी बिटेन सुक्कुर कस्बा म जल भेजणो योजना बणाई छे। या योजना सबि अभियंताओं तैं सही व रुचिकर लग। जल बाँध हेतु विश्वेश्वरय्या न एक तकनीक को आविष्कार कार जैक नाम छौ न्यू ब्लॉक सिस्टम। ये सिस्टम म बाँध म जल रुकणो कुण स्टील क द्वार बणैक पानी रुके जांद छौ। ये सिस्टम की प्रशंसा ह्वे अर आज बी सिस्टम सिस्टम म ज़िंदा च।
मोक्षगुंडम न मूसा अर ईसा नदियों तैं बाँध म बंधणै योजना बणाई अर एक उपरान्त मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या तैं मैसूर साम्राज्य को चीफ इंजीनियर नियुक्त करे गे।
तब मैसूर की आर्थिक स्थिति बड़ी समस्याग्रस्त छे। कृषि , शिक्षा आदि समस्याग्रस्त छे। विश्वेश्वरय्या न इकोनॉमिक संगठन को नींव डाळी। कृष्ण सागर बाँध निर्माण करवाई। ये समय सीमेंट की भारी कमी छे तो सीमेंट क स्थान पर वैकपिक खरल तैयार करवाई। बाद म मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या मैसूर क मुख्य मंत्री नियुक्त ह्वेन।
मुख्य मंत्री हूण पर तौंन 4000 स्कूलों तै बढ़ैक 10500 कार। मैसूर विश्व विद्यालय क स्थापना कार। मैसूर म इंजीनियरिंग , कृषि विश्व विद्यालय खुले गेन।
विदेश अध्ध्य्यन हेतु भौत सी छात्रवृतियों क प्रबंध बि करे गे।
मोक्षगुंडन विश्वेश्वरय्या न मैसूर बैंक , पावर हाउस की भी स्थाप्पना कार। प्लांनिंग पर उन्कि एक पुस्तक च। पांच वर्षीय योजना क चर्चा मोक्षगुंडम न 1920 म ही शुरू कर याल छे।
विश्वेश्वरय्या न देस का अन्य भागों म भौत सा बाँध, पल निर्माण अर जलाशयों की योजना अर एक्जिक्युसन को कार्य बि कार।
मोक्षगुंडम क जीवन म ही भौत सी सच्ची लोक कथा विश्वेश्वरय्या दगड़ जुड़ गे छा।
सन 1955 म विश्वेश्वरय्या तेन डेस्क सर्वोच्च पुरुष्कार ‘भारत रत्न ‘ से सम्मानित करे गे अर तौंकि 100 वीं वर्षगांठ पर विशेष डाक टिकट बी जारी करे गे।
101 वर्ष म महान इंजीनियर , योजनाकार , भविष्यदृष्टा मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या क स्वर्गवास 14 अप्रैल 1962 कुण ह्वे।