प्याज गीता (हंसौण्या लघु स्वांग )
(लघु नाटिका श्रृंखला )
नौटंकीबाज – भीष्म कुकरेती
प्याज (गर्व म ) – देख मि मनिखों तैं रूलै सकुद। जब सि मि तै कटद छन तो तौं तैं अपण ननि ददि याद ऐ जांद। वूं तै में पर छुर्रा चलाणै कीमत चुकाण पड़द।
टिमाटर – हां हां ! सत्य वचन। मि बि प्याज बणन चांदो। लोक बड़ी सरलता से मि तैं पचेल दींदन , काटी दींदन, थींचि दींदन ।
प्याज -भये तुम भौत इ मयळ जिकुड़ी क जि छा अर तन्नि तुमर कोमल सरैल बि। मि तैं मि शक्तिशाली बि छौं अर इनि डाळ्यूं पर नि लटक्यूं रौंद। मि इथगा शक्तिशाली छौं कि डाळि तैं अपर जलड़ बणान पोड़द। अर तू ! बस डाळियुं पर लटकीं रौंदी अर जैक मर्जी हो तोड़ द्यावन या साबुत घूळ जावो।
टिमाटर – हां सि मि तैं बेरहमी से तुड़दन अर ठुपरि उन्द डाळ दींदन।
प्याज -म्यार बान मनिख तैं माटा म हथ गंदा करण पड़द अर बडो परिश्रम करण पोड़द।
टिमाटर – हाँ सि त च। तेरी शक्ति क रहस्य क्या च ?
प्याज -यु मेरो जीन म च। बीज म शक्ति च कि हम इन हूंदा ।
टिमाटर – मी बि त्यार जन हूण चांदो।
प्याज -पैल तो त्वै तैं अपर रंग बदलण पड़ल। लाल रंग इन लगद जन क्वी फूल ह्वावो अर फूल तो क्वी बि तोड़ सकद। मि तैं दिखदी।
टिमाटर – नै नै ! अब लोक हम तै फूल ना सब्जी बुलण लग गेन। लोक क्या समजदन क्या बुल्दन पर हमर क्वी कंट्रोल नी च ना।
प्याज – मिलब अब प्रत्येक तुम कुण सब्जी बुलद। तो ऊं तैं बाध्य कारो कि उ तुम कुण टिमाटर नि ब्वालन। सकारात्मक सोच से सब कुछ संभव च।
टिमाटर – अच्छा ? यदि मि बुलल कि मि प्याज छौं तो क्या मनिख मेकुण प्याज बुलण मिसे जाला ? अर मि प्याज बण जौलु ?
प्याज – हाँ किलै ना ?
टिमाटर – त फिर मि प्याज किलै ? मनिख जि बणल। मनिख सबसे उच्च च पृथ्वी पर।
प्याज -ना ना जग म प्याज महान च मनुष्य ना। प्याज इथगा महत्वपूर्ण च कि भारत म कथगा इ सरकार गिर गेन हमर बान। प्याज क बान गृह व बाह्य युद्ध हूंदन। इख तक कि भारत तै अपर डिप्लोमेटिक संबंध प्याज क बान पाकिस्तान से सुधारण पोड़दन। अर इनि प्याज क बान पाकिस्तान भारत क समिण घुटना टेकदो कबि कबि।
टिमाटर -हां हां
प्याज – भारत म शरद पवार की शक्ति सब प्याज पर निर्भर च। मनिख प्याज क बान लड़दो। कबि प्याजों तै लड़द बि द्याख ?
टिमाटर – पर मनिख इना ऊना जाई सकद।
प्याज -अर तबि त ध्यान लगाणो कुण इथगा खर्चा करण पोड़द तौं तैं। मि सदा ध्यान मगन रौंद। तबि त प्रत्येक प्याज शांत व संतोषी हूंद।
टिमाटर – मि बि सदा ध्यान म रौंद।
प्याज – किन्तु तू सदा प्रकाश म रौंदी त ठीक से ध्यान नि कौर सकदी। मि अन्ध्यर म ध्यान करदो तो शत प्रतिशत बिघ्न रहित ध्यान।
टिमाटर – मी बि प्याज बणन चांदो। प्याज प्याज।
प्याज -ठीक। आज क्या अबि से तू बुलण लग जा कि तू प्याज छे। प्रत्येक टिमाटर तैं बुलण चयेंद कि वु टिमाटर च , टिमाटर च। शीघ्र ही इन समय ालो कि जग म टिमाटर शब्द इ मिट जालो। इन समय आलो कि प्याज अल्लू म ब्वालल , भिंडी लमिंडा म ब्वालली। अब सब्जी सब सब्जी म ब्वालल कि प्याज ही सर्वोत्तम हून्दन।
टिमाटर -मि सब म बोलल कि मि प्याज छौं। पर यदि क्वी सच नि मानल त ?
प्याज -तो आरएसएस सिद्धांत से अफवा प्रसारित कर दे कि तू प्याज छे। द्याख नि भाजपा शासन म भ्रष्टाचार कम नि ह्वे किन्तु मनिखों तै लगणु च भारत भ्र्ष्टाचार व कॉंग्रेस मुक्त ह्वे गे।
टिमाटर – हूं ! आरएसएस सिद्धांत से अफवा !
प्याज – हाँ फिर सरा संसार म प्याज क राज ह्वे जालो। सब जगा प्याज इ प्याज। प्याज को राज। फिर हम चाँद म पौंछि जौंला , फिर मंगल म पौंछि जौंला। फिर सूर्य मंडल से भैर।
टिमाटर – क्या यू संभव च कि तुम सूर्य मडल से भाइरक ब्रह्माण्ड म पौंछि जैला ?
प्याज – हाँ किलै ना ? फिर प्याज अमन , शान्ति की बात कारल। सब जगह शांति ह्वेलि। शांति ही शांति।
टिमाटर – अर्थात त्यार वास्तविक उद्देश्य जागतिक शांति च ?
प्याज -जगत इ ना ! ब्रह्माण्ड म शांति। भाई चारा व करुणा से शांति संभव च। अर यु तबि संभव च जब हम सब सब्जी व फल सब प्याज ह्वे जौंला। सबि प्याज अर्थात मतभेद समाप्त। मतभेद समाप्त अर्थात शांति।
सर्वाधिकार @ भीष्म कुकरेती २०२२