मि अर मेरी बुद्धिम जुद्ध
(लघु हास्य नाटिका )
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नौटंकीबाज – भीष्म कुकरेती
बुद्धि -हे ! सूण ! सूण ना !
मि – चौड़ बोल। मीम जहर खाणो बि समौ नी।
बुद्धि – जहर ना ! मि भौत बोर हूणू छौं। पढ़न बंद कौर अर कुछ हौर बत्तों पर ध्यान लगए।
मि – त्वी बि कॉंग्रेस पार्टी ह्वे गे। जब गुजरात हिमाचल यात्रा की आवश्यकता च तब भारत जोड़ो यात्रा उर्याणी च।
बुद्धि ( रोष म ) – देख हाँ ! मेरी तुलना कॉंग्रेस से नि कौर हाँ
मि -अरे , किलै ना। भोळ मेरी परीक्षा च अर तू बुलणी छे पढ़ाई बंद कोरी कुछ हौर सोच। म्यार ध्यान भंग नि कौर।
बुद्धि – सूण रै ! ह्यां सूण त सै ! वा भुंदरा कन च ? बिगरैली च कि ना ? टैंक गात ये मेरी ब्वे ! ज्यू बुल्यांद कि ब्यौ क्र द्यूं।
मि ( भैर दिखद कि ध्यान नि बंट ) – अरे हाँ भुंदरा बड़ी बिगरैली च। तैंक संग म आनंद की अनुभूति हूंदी। पर मेरी भोळ परीक्षा च तो ध्यान लगाए जाय। त्वी बि ध्यान दे।
बुद्धि – मेरी बौ सुरेला। ये बौ सुरेला !
मि -अरे यार ध्यान लगा। आज सुरैला बौ तै भूलिक परीक्षा विषय पर ध्यान दी। चल परीक्षा पर ध्यान द्योला।
बुद्धि – मेरि बौ सरैला। सरैला !
मि -हे मूर्ख बुद्धि तू बकबास छे। िख सुबेर परीक्षा च अर परीक्षा विषय छोड़ि बौ सुरीला पर ध्यान लिजाणि छे।
बुद्धि – अच्छा सूण क्लास म सुंदरा बि त त्यार पैथर पड़ी रौंद। रौंद च कि ना ?
मि – ब्वेक सौं ! जु तू मनिख हूंदी ना तो तेरी छट्टी पर मीन मॉस निकाळ दीण छौ। बड़ो गंडो छे तू अर तेरी सोच। परीक्षा समय लव प्यार क बारा म बि क्वी सुचद ? चुप।
बुद्धि – ह्यां पर ! अच्छा तो भैरवी कन च ?
मि -मूर्ख ! मि तंग ऐ ज्ञान इन गंदी सोच की बुद्धि से।
बुद्धि – मि अर मूर्ख ?
मि – हाँ।
बुद्धि – अरे बकबास ! इन मूर्ख मनिख क भीतर मि क्या करणु छौं ?
मि – यी तो मि सुचणु छौं बल में सरीखा बुद्धिमान मनिख का भितर इथगा बड़ो मूर्ख बुद्धि ?
बुद्धि – मूर्ख कहीं का।
मि – मूर्ख कहीं की। मूर्ख बुद्धि
परीक्षा हाल
मि (परीक्षा पत्र हाथ म ) – उफ़। बुद्धि आ आ ! बुद्धि ! जरा सहायता कौर।
बुद्धि – पर मि तो महा मूर्ख छौं।
मि – ओके क्षमा ! अब मेरी सायता कौर ! जरा पर्श क उत्तर यद् करण म सायता कौर प्लीज।
बुद्धि – पर देख तैं अध्यापिका तैं। तैं देखि रस्याण नी आणि क्या ?
मि – हट चुप परीक्षा दीण दे। अब तीन ध्यान भटकायी तो …
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