गोद भरणवळ गोदेश्वर शिबालाs महत्व कथा
निस्संतान तैं संतान दिलाये गोदेश्वर शिबाला
कथा – भीष्म कुकरेती
s = आधी अ
यी बड़ – भळुक (महा भूस्खलन) से पैलाकि बत्थ छन जब ढांगू म जसपुर अर गोदेश्वर बेलधार (ठंठोली मल्ला ढांगू पौड़ी गढ़वाल ) एकि पहाड़ी म छौ अर जसपुर बिटेन नदी गोदेश्वर पहाड़ी जिना बगदी छे। गोदेश्वर पहाड़ी म ढांगू क श्मशान बि छौ किलैकि तखम गोदेश्वर शिवाला अर नदी जि छौ। गोडेश्वर शिवाला अर गोदेश्वर म बड़ो अंतर् च। गोडेश्वर सिन्नर म च तो ढांगू क गोदेश्वर को अर्थ च जु शिव गोद भरदो।
भौत समय पैलाकि बत्थ छन। एक दिन एक पचास वर्षक निस्संतान मनिख गुमखाल धोराक गांव बिटेन बल्दों बिवारी वास्ता उदयपुर म रिख्यड -बणचुरी जाणो छौ। रणेथ से कुछ दूर बांसखाळ म एक गदन म स्यु निस्संतान मनिख पाणी पेकि सुस्ताणु छौ कि तबि एक बुडेड़ दम्पति अपर तीन वर्षो नौनु लेकि आयिन अर पाणि पीण लग गे।
रामा रूमी क उपरान्त बल्दुं बिवरयान बुडेड़ दम्पति से पूछ – तुम कै गांवक छा ?
बुड्यान उत्तर दे -हम उदयपुर पट्टी म किमसारी क छंवां इख बिटेन बीस मील दूर।
बिवर्या न बोल – औ औ ! म्यार दिख्युं च किमसार। बल्दों खरीददारी म गे छौ। यु बच्चा तुमर नाती च ? नाती कति वर्षक होलु ?
बुडड़ी न उत्तर दे – न्है न्है ! यु हमर नौनु च। ये तैं तिसर वर्ष लग्युं च।
बिवर्यान खौंळेक ब्वाल -तीन वर्षक बच्चा ! पर तुमर उमर त साठ वर्षक लगभग ह्वेलि।
किमसर्या बुड्यान उत्तर दे – हाँ जरा बड़ी उमर म नौनु पैदा ह्वे।
बिवर्या – हैं यीं उमर म बि ? कथगा बच्चा होला तुमर ?
किमसार क बुड्या न उत्तर दे – जी यी च जी।
बिवर्या – हैँ ? ये बच्चा तै एक नानी कोट लिजाणा छा क्या ?
किमसर्या बुड्यान उत्तर दे- ना ना हम ये तैं गोदेश्वर शिवाला लिजाणा छा। हमन उठण रख छौ कि हमर बच्चा होलु तो हम बच्चा क हाथन गोदेश्वर मादेव म भेली चढ़ौला। त ये बच्चा तै भेली चढ़ाणो गोदेश्वरः जाणा छा हम। गोदेश्वरः मादेव की कृपा से इ हमर यीं उमर म नौनु ह्वे। हमन त आस इ त्याग दे छे किंतु …
गूमखाळ क बिवर्या – गोदेश्वरः मादेव की कृपा ? कन कन ? म्यार बि अबि तक बच्चा नि ह्वेन। द्वी ब्यौ बि करिन किन्तु मूस बि नि जनम। तुमर कन म बच्चा ?
किमसर्या बुड्यान उत्तर दे – हम बि निआस ह्वे गे छा। किन्तु एक दिन हमर रिस्तेदार जसपुर बिटेन ऐना अर उंन बोल कि जु गोदेश्वरः मादेव की पूजा करदो निस्सन्तानों क बि संतान ह्वे जांद।
गूमखाळ क बिवर्या – क्या बुलणा छा तुम ? निसंतान तैं संतान दिवा छन गोदेश्वरः मादेव ?
किमसार्या बुडड़ीन बोलि – हाँ हाँ हम तो आस त्याग चुकि छा पर हमर रिस्तेदार न बताई तो हम द्वी तख आइक एक सौणक स्वांर अर एक शिवरात्रि कुण गोदेश्वर मादेब म जल दूध व बिलपत्री चढ़ाई अर उठण धार कि – हे गोदेश्वर माडेब जु हमर संतान ह्वेलि तो हम त्वेकुण भिल्ली चढ़ौला। पुट्ट एक वर्ष म हमर संतान ह्वे गे।
गूमखाळ क बिवर्या – हूं ! तो तुम गोदेश्वर मादेब म बच्चा क हथन भिल्ली चढ़ाणो जाणा छा।
किमसार्या बुडड़ीन उत्तर दे – हाँ भिल्ली चढ़ा णो जाणा छा। भोळ शिव रात्रि जि च।
गूमखाळ क बिवर्या – भलो भलो ! मि अब रिख्यड बणछुरी नि जान्दो अपितु तुमर दगड़ गोदेश्वर ही आंदो अर भोळ तख उठण धरदो कि हमर संतान ह्वेलि त हम बि गोदेश्वर म भिल्ली फड़ला।
अर गूमखाळ क बिवर्या किमसार का बुड्या बुडड़ी दगड़ गोदेश्वर शिबाला गे तख तैन दूध , जल व बिलपत्री चढ़ाई अर उठण गाड कि जु वैकि संतान ह्वेलि त वो संतान लेकि गोदेश्वर म भिल्ली चढ़ाल।
हैंको सौंन क सोमवार कुण बिवर्या अपण द्वी घरवळ्यूं लेकि गोदेश्वर माडेब आयी अर पूजा उपरान्त वूं सब्युं न उठण गाड कि संतान होल त भिल्ली चढ़ाल ,
एक वर्ष का बाद गूमखाळ क बिवर्या क द्वी पत्नियों से संतान पैदा ह्वे।
तीन वर्ष उपरान्त बिवर्या अपण द्वी घरवळि अर संतान लेकि गोदेश्वरः माडेब आईन अर भिल्ली चढ़ाई तख।
आज बि निस्संतान इ ना नव वर वधु संतान कआशीर्वाद लीणो गोदेश्वर मादेव जान्दन।
(गोदेश्वर मादेब जाणो ऋषिकेश व कोटद्वार मार्ग पर बीच म च कोटद्वार व ऋषिकेश से ढाई घंटा की यात्रा , जाखणी खाल स्थानक )
सर्वाधिकार@ भीष्म कुकरेती , 2022