शिष्यधीवृद्धिदतन्त्रम रचयिता लल्लाचार्य
(भारतौ प्राचीन वैज्ञानिक – २९ )
संकलन – भीष्म कुकरेती
लल्ला चार्य क जन काल ७२० से ७९० इश्वी च। लल्लाचार्य ज्योतिष , गणित व ज्योतिष यंत्र का प्रवीण वैज्ञानिक छया। लल्लाचार्य शाम्ब पौत्र व भट्टत्रिविक्रम पुत्र छा..
लल्लाचार्यन निम्न ग्रंथ रचिन –
शिष्यधीवृद्धिदतन्त्रम
ज्योतिषरत्नकोष जु ३०० वर्षों तक मुख्य ज्योतिष ग्रंथ राई।
ब्रह्मगुप्त की खंडखाद्यक पर टीका जु अप्राप्य च।
शिष्यधीवृद्धिदतन्त्रमम यूंन अफ़ु तैं आर्यभट्ट क शिष्य बताई।
शिष्यधीवृद्धिदतन्त्रम म लल्लाचार्यन अमरगति (परपिचुवल मोशन ) की लिखिं व्याख्या मिल्दी। ये ग्रंथ म २२ अध्याय छन।
पैल १३ अध्याय गणित अध्याय छन। शेष ९ अध्याय गोलाध्याय छन जु खगोलशास्त्र का विषय छन।
गोलाध्याय क अध्याओं म लल्लाचार्यन प्राचीन ज्योतिष सिद्धांतों की आलोचना करी – जनकि पृथ्वी सपाट च , ग्रहण म सूर्य चंद्र क निकट हूण , राहु से ग्रहण आदि )।
लल्लाचार्य न अपण ग्रंथ म ज्योतिष , खगोल , गणित संबंधी १२ यंत्रों उल्लेख बि करी –
गोला
भणक ( ring )
चक्र
धनु
घटी- समय मापक जल यंत्र
शंकु
शक्त -डिवाइडर
कर्तय – कैंची
पिष्टक
पाल
शलाका
छड़ी
ललाचार्य क कार्य से भारत म गणित, ज्योतिष , खगोल , व माप यंत्रों कु विकास ह्वे।