Traditional House Wood Carving Art from Joshimath , Chamoli
गढ़वाल,कुमाऊंकी भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन, – 629
( काष्ठ कला पर केंद्रित )
संकलन – भीष्म कुकरेती
चमोली गढ़वाल में काष्ठ कला हेतु सर्वश्रेष्ठ जनपद है। प्रत्येक गाँव में अनोखे भवन काष्ठ कला दृष्टिगोचर होती हैं। इसी क्रम में आज जोशीमठ क्षेत्र में हरीश चंदोला भवन की तिबारी के सिंगाड़ों ( स्तम्भ ) की काष्ठ कला पर चर्चा होगी।
सूचना अनुसार चंदोला भवन की तिबारी के तीन सिंगाड़ व तीन दीवालगीर के दर्शन होते हैं। सभी काष्ठ कला दृष्टि से कला भव्य प्रकार की है।
सिंगाड़ (स्तंभ ) के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल उत्कीर्ण हुआ है जिसके ऊपर ड्यूल है। ड्यूल के ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल उत्कीर्ण हुआ है। यहां से सिंगाड़ ऊपर चलता है ऊपर जाकर यही क्रम दुबारा स्थापित हुए हैं। स्तम्भ व पुष्पों के ऊपर भी उत्तीर्ण हुआ है। यहां से सिंगाड थांत रूप लेता हैं। यहीं से तोरणम भी उतपन्न हुआ है। तोरणम में प्राकृतिक कला वस्तु व सूरजमुखी पुष्प का उत्कीर्ण हुआ है।
प्रत्येक थांत के ऊपर पक्षी रूपी व पुष्प कली मिश्रित व एक तोते के डेवलगीर स्थापित हुए हैं।
सर्वत्र कला भव्य रूप में है।
चंदोला भवन में ज्यामितीय , प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण का उत्कीर्णन हुआ है।
सूचना व फोटो आभार: शशि भूषण मैठाणी
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: वस्तु स्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , मोरी , खोली, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन , श्रंखला जारी कर्णप्रयाग में भवन काष्ठ कला, ; गपेश्वर में भवन काष्ठ कला, ; नीति, घाटी में भवन काष्ठ कला, ; जोशीमठ में भवन काष्ठ कला, , पोखरी -गैरसैण में भवन काष्ठ कला, श्रृंखला जारी रहेगी , उर्गम घाटी में काष्ट कला