गंगासलाण के साहित्यकार श्रृंखला
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मृदु भाषी , विद्वान अतुल टी जखमोला भारत के अंग्रेजी व हिंदी के कथाकार रूप में जाने जाते हैं। उनकी दो कथा संग्रह पावर ऑफ़ ऐज्युकेसन (अंग्रेजी ) व पावन संकलन (हिंदी ) कथाओं को वाचकों ने रूचि से पढ़ा व सराहा। दोनों पुस्तकें आदर्शवादी व प्रेरणादायक विषयों के हैं व प्रेरित करती हैं।
दोनों पुस्तकों में भाषा सरल व गम्य है , वार्ता /डायलॉग कथा आगे अग्रसर करने में समर्थ हैं व चरित्र पर फिट बैठते हैं। हास्य कम ही है। दोनों पुस्तकों की कथाओं का समय वर्तमान नहीं प्राचीन कालीन हैं।
अतुल जखमोला का जन्म जसपुर (मल्ला ढांगू , द्वारीखाल पौड़ी गढ़वाल ) में ११ नवंबर 1944 को हुआ।
उनकी मान का नाम मूंगा देवी जी था व मुंबई में अतिथि सत्कार हेतु पुरे ढांगू , डबरालस्यूं प्रवासी मध्य प्रसिद्ध थीं।
पिताजी का नाम स्वर्गीय तारा दत्त जखमोला था। सेठ तारादत्त जी उद्यमी , व प्रवासियों को आश्रय हेतु प्रसिद्ध थे। सेठ तारा दत्त जी ने कोटद्वार में दूकान व भवन भी निर्माण किया था।
अतुल जखमोला की शिक्षा दिक्क्षा मुंबई में हुयी व भौतिक शास्त्र में उन्होंने एमएससी की परीक्षा पास की। मुंबई में केंद्रीय औषधि विज्ञान विभाग में वे विज्ञान अधिकारी थे।
सेवानिवृत होने के पश्चात अतुल जखमोला ने लेखन शुरू किया व सामजिक कार्य , लेखन में समय व्यतीत करते हैं।