नाम – रमण मोहन कुकरेती
माता का नाम यशोदा डबराल कुकरेती
पिताजी का नाम – कृष्ण दत्त कुकरेती
जन्म तारीख – 3 फरवरी 1956
जन्म स्थान – ग्राम – खमाणा , पट्टी – मल्ला ढांगू , द्वारीखाल ब्लॉक , पौड़ी गढ़वाल , उत्तराखंड .
जन्म तारीख – 3 फरवरी 1956
जन्म स्थान – ग्राम – खमाणा , पट्टी – मल्ला ढांगू , द्वारीखाल ब्लॉक , पौड़ी गढ़वाल , उत्तराखंड .
( मुंबई में कम ही गढ़वाली नाटक मंचित हुए हैं जैसे दिल्ली , चंडीगढ़ , देहरादून में खेले गए हैं। जीत सिंह नेगी जी के नाटक, ललित मोहन थपलियाल के नाटक, राजेंद्र ध्ष्माना के नाटक व अलकनंदा के सम्पादक स्वर्गीय स्वरूप ढौंडियाल लिखित दो नाटक का मंचन चर्चित हुए हैं। दिनेश भारद्वाज व रमण कुकरेती लिखित बुड्या नाटक , महावीर बिष्ट द्वारा लिखित मुर्खलया बुड्या नाटक , बलदेव राणा के नाटक व अन्य नाटक भी मंचित हुए हैं )
70- 90 के दशक में गढ़वाल भ्रातृ मंडल के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक गढ़वाली एकांकी नाटक का मंचन जरूर होता था ।
इसी श्रृंखला में मैने ललित मोहन थपलियाल जी लिखित गढ़वाली हास्य एकांकी नाटिका ‘एकीकरण ‘ व ‘ खाड़ू लापता ‘ में अभिनय किया ।
साथ ही स्वर्गीय दिनेश भारद्वाज के साथ मिलकर ‘ बुढ्या लापता ‘गढ़वाली हास्य एकांकी नाटिका लिखी
70- 90 के दशक में गढ़वाल भ्रातृ मंडल के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक गढ़वाली एकांकी नाटक का मंचन जरूर होता था ।
इसी श्रृंखला में मैने ललित मोहन थपलियाल जी लिखित गढ़वाली हास्य एकांकी नाटिका ‘एकीकरण ‘ व ‘ खाड़ू लापता ‘ में अभिनय किया ।
साथ ही स्वर्गीय दिनेश भारद्वाज के साथ मिलकर ‘ बुढ्या लापता ‘गढ़वाली हास्य एकांकी नाटिका लिखी
इसी नाटक ‘बुड्या लापता ‘में अभिनय भी किया । यह 70 – 80 के दशक की बात है ।
भाई भीष्म कुकरेती जी के साथ आचार्य अत्रे लिखित मोरी ची मौसी औंट नाटक का अनुवाद किया किन्तु परिस्थितिबस यह आधा ही रह गया। समय मिले तो इस अनुवाद को पूरा करेंगे
1982 में गढ़वाल भ्रातृ मंडल, मुंबई का महासचिव बनने के बाद यह सिल सिला रुक गया ।