जानिये गढ़वाली नाट्य शिल्पी श्री दर्शन सिंह रावत के बारे में उनकी जवानी ( श्री दर्शन सिंह रावत से भीष्म कुकरेती की वार्ता )
(अधिकतर समीक्षक किसी नाट्य शिल्पी के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। कुछ समीक्षक नाटककार को जानते हैं तो नाटककार के बारे में विषय दे देते हैं। एक नाट्य शिल्पी स्वयं समीक्षक स्वयं भी होता है। तो यह भी आवश्यक है कि नाट्यशिल्पी अपने विषय में स्वयं भी बताये। इस श्रृंखला में मैं गढ़वाली के प्रसिद्ध नाट्य शिल्पियों के बारे में उन्ही की जानने का प्रयत्न करूंगा -भीष्म कुकरेती )
भीष्म कुकरेती – जी नमस्कार।
उत्तर – सादर प्रणाम आदरणीय कुकरेती जी।
अपने बारे में संक्षिप्त में जानकारी देकर अनुग्रहित कीजिये
उत्तर –
जन्म तिथि -10-03-1958
जन्म स्थान – ग्राम-पड़खंडाई,
पोस्ट- भौन (धुमाकोट)
जिला-पौड़ी गढवाल(उ.खं.)
आधारिक शिक्षा -आधारिक विद्यालय:- ढंगलगांव (मुस्याखांद)
माध्यमिक शिक्षा:- जूनियर हाई स्कूल अंद्रोली/दीवा पब्लिक इंटर कालेज धुमाकोट
उच्च शिक्षा – इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय।
व्यवसाय व आजीविका साधन –
वर्तमान में -भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण में वरिष्ठ प्रबंधक के पद से सेवानिवृत।
बचपन में सबसे पहला नाटक (रामलीला, कृष्णा लीला या अन्य ) :- रामलीला
क्या अपने बादी -बदेण के लोक नाटक देखे हैं ?:- हाॅ
कौन कौन से नाटक शिक्षा लेते समय देखे – बहू की विदा, सीमा रेखा
किस नाटककार ने सर्वाधिक प्रेरित किया – स्व.स्वरूप ढौंडियाल
भीष्म कुकरेती -अब तक आपने कितने नाटक निर्देशीय /किये /लिखे / मंचन के कार्य (जैसे संगीत , पृष्ठभूमि ) भाग लिया ? (कृपया विधा का नाम दीजिये जैसे निर्देशन , भूमिका , संगीत , पार्श्व ध्वनि/प्रकाश आदि )
उत्तर –
निर्देशन:-2022 में गढवाली कुमाउनी जौनसारी अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित “बाल उमंग, लोकभाषा के संग”
कार्यक्रम मे श्रीदेव सुमन नाटक में सहायक निर्देशक।
भीष्म कुकरेती – पहला नाटक जिसमे भूमिका निभायी
उत्तर – हिंदी नाटकः- बहू की विदा (1975) किरदार-जीवन लाल। स्थान:- इंटर कालेज धुमाकोट में ब्लाॅक स्तरीय प्रतियोगिता में एवं इंटर कालेज खिर्सू में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में।
गढवाली में पहला नाटक:- मंगतू बौळ्या(1981) करम सिंह का किरदार
भीष्म कुकरेती – अन्य नाटक जिनमे भूमिका निभायी ।
उत्तर –
गढवाली नाटक –
जंक जोड़ (1982) – मैठाणी और शेर सिंह के किरदार।
खाडू लापता (1983)- हरीसिंह का किरदार
दुर्जन की कछड़ी (1983)
वीर चंद्रसिंह गढवाली (2016)- पठान का किरदा
तरुण तपस्वी श्रीदेव सुमन (2017)- ईमानदार अधिकारी।
उदंकार (2017)- दर्शन का किरदार।
वीर बाला तीलू रौतेली
(2017)- भुपू रौत का किरदार
रुकमा-रुमैलो (2018)- सुनार और कहार के किरदार
अर्द्ध ग्रामेश्वर (2018)- मातवर का किरदार
चमत्कार (2018)- प्रोफेसर मानचंद का किरदार
पुरोधा पुरिया नैथाणी (2022)- सुनार और कहार के किरदार
अपणु-अपणु सर्ग (2023)- प्रोफेसर राम सिंह का किरदार
मुखजात्रा(2023) – गुरुजी, गिंदाड़ू और दादा दौलत राम के किरदार
ल्यावा बणिगे हमरि बि फिलम (2024)- वीरेंद्र नेगी (वीरू)का किरदार
मधु मंडाण ( 2025 )-दर्शन का किरदार
हमुन बिरणु ह्वै जाण (23-08-2025)- बलवान सिंह का किरदार
भीष्म कुकरेती – गढ़वाली नाट्य संसार में आपको कैसे याद किया जाएगा ?
उत्तर – रंगमंच के माध्यम से अपनी मातृभाषा गढवाली के संवर्द्धन में अपना सूक्ष्म योगदान देने वाला रंगमंच का हरफनमौला कलाकार