Karum , Indian Beech Tree Plantation for Medical Tourism Development
औषधि पादप वनीकरण – 42
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उत्तराखंड पर्यटन प्रबंधन परिकल्पना – 249
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आलेख : विपणन आचार्य भीष्म कुकरेती
लैटिन नाम – Pongamia pinnata
संस्कृत /आयुर्वेद नाम -करंज
सामान्य नाम – करंज
आर्थिक उपयोग —–
जलाने की लकड़ी
काष्ठ उत्पाद हेतु किन्तु लकड़ी दीर्घायु नहीं होती
औद्योगिक तेल
निटरजन फिक्सेशन
छाल से रेशे
चारा किन्तु 40 -75 प्रतिशत से अधिक नहीं देना चाहिए
—–—औषधि उपयोग —
रोग व पादप अंग जो औषधि में उपयोग होते हैं
जड़ें
पत्तियां
छाल
फूल
फल
बीज
रोग जिनके निदान में पादप उपयोगी है
युटरीन रोग निदान
त्वचा रोग निदान
कफ , जुकाम
घाव जससे अल्सर में लाभदायी
बबासीर में लाभदायी घाव भरने
कृमि नाशक
तेल कई अन्य औषधियों में उपयोगी
दांतुन
कब्ज निदान
बाजार में उपलब्ध औषधि
करंज तैल
महा मंजिशतदी कश्यम
पादप वर्णन
समुद्र तल से भूमि ऊंचाई मीटर – 1200 किन्तु हिमालय में ६०० मीटर तक शीत नहीं सहन कर सकता
तापमान अंश सेल्सियस – २५ -३८ , ५० सेल्सियस सहने की शक्ति
वांछित जलवायु वर्णन -उप उष्ण कट बन्धीय
वांछित वर्षा mm- ५०० – २५००
वृक्ष ऊंचाई मीटर – १५ – २५
छाल – मटमैली
टहनी – दृष्टिगत
पत्तियां आकार , लम्बाई X चौड़ाई cm और विशेषता – अंडाकार कोण दार , चिकनी व माँ लिए हुए
फूल आकार व विशेषता
फूल रंग – गुच्छे में सफेद से क्षीण पीले , सुगंधित
फल रंग – टांटी
फल आकार व विशेषता
बीज /गुठली विशेषता, आकार , रंग – बीज भूरे
फूल आने का समय -पत्ते झड़ने के बाद अप्रैल जुलाई
फल पकने का समय – फरवरी मार्च
बीज निकालने का समय – मार्च टांटी को फाड़कर
बीज/गुठली कितने समय तक अंकुरण हेतु क्रियाशील हो सकते हैं – साल भर
संक्षिप्त कृषिकरण विधि –
बांछित मिट्टी प्रकार pH आदि – सभी प्रकार की मिट्टी , बलुई , दलदल पसंद नहीं
बीज बोन का समय – मानसून
बीज बोन के बाद सिचाई क्रम -सामन्य
अंकुरण समय – १० -१५ दिन
रोपण हेतु गड्ढे सेंटी मीटर ३० x ३० x ४५
रोपण बाद सिचाई – सामन्य
नरसरी स्थान छायादार या धुपेली – धुपेली किन्तु कम छाया भी हो सकती है
बीज सीधे भूमि में या पौली बैग में बोये ज सकते हैं। व्निक्र्ण हेतु बीजों को वन में मानसून में गोबर गोलों में फेंकना सही है
वयस्कता समय वर्ष – ४ ५
विकल्प – क्या वनों में सीधे बीज या पके फल छिड़के जा सकते हैं ? गोबर गोले बनाकर अधिक उत्पादक हो सकते हैं /अथवा कटे-पके फलों व बीजों को नदी या गदनों में बहा देना श्रेयकर
यह लेख औषधि पादप कृषिकरण /वनीकरण हेतु जागरण हेतु लिखा गया है अतः विशषज्ञों , कृषि विद्यालय व कृषि विभाग की राय अवश्य लें