बालिका दिवस पर
बेटी नी परायु धन
सुदि नि करा अपमान
कति अग्यानि लोग ब्वना
बेटी बोझ च
अर धारण काज बेटी
का हाथ दीन्यू तौकु रोज च…
घौर-बौण बेटी का हाथ
फिर भी हमारी सोच कि
बेटी बिराणी च—-
ब्वारि से पैलि दहेज
यु कन समाज च
ब्वारि कु मोळ-भौ कना
मांगणा दहेज च…
ब्वारि भी बेटी माणा दूं
जनि अपडि लाडी-लड्योंदि
पढया-लिख्या समाज मा
नै-नै बिज्वाड डाळा दूं….
कशिश भूतपूर्व छात्रा
रा0उ0मा0वि0 पालाकुराली
जखोली रूद्रप्रयाग