एक लोक गीत
गाड़ो गुलबन्द गुलबन्द नगीना
त्वें कु मेरी सासू ब्वारियो की अगिना
गाड़ो गुलबन्द गुलबन्द को नगीना
त्वें कु मेरी सासू ब्वारियो की अगिना
गाड़ो गुलबन्द गुलबन्द को नगीना
त्वें कु मेरी सासू ब्वारियो की अगिना
ब्वारि की अटेची रुप्युन भोरी च
ब्वारि की अटेची रुप्युन भोरी च
सासू की ब्योंदी मा इ गोलि धोरी च
सासू की ब्योंदी मा इ गोलि धोरी च
गाड़ो गुलबन्द
……..
गाड़ो गुल
…….
गाड़ो गुलबन्द गुलबन्द नगीना
त्वें कु मेरी सासू ब्वारियो की अगिना
स्वामी सुखी राला नौनु खिलोलू
स्वामी सुखी राला नौनु खिलोलू
त्वेंथे मेरी सासू में गिंदी बनोंलू
त्वेंथे मेरी सासू में गिंदी बनोंलू
गाड़ो गुलबन्द
……..
गाड़ो गुल
…….
गाड़ो गुलबन्द गुलबन्द नगीना
त्वें कु मेरी सासू ब्वारियो की अगिना
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मिल त चली जाना स्वामी जी का दगड मा
मिल त चली जाना स्वामी जी का दगड मा
त्वेंथे धेरी जौलू में बीच रगड मा
त्वेंथे धेरी जौलू में बीच रगड मा
गाड़ो गुलबन्द
……..
गाड़ो गुल
…….
गाड़ो गुलबन्द गुलबन्द नगीना
त्वें कु मेरी सासू ब्वारियो की अगिना
गाड़ो गुलबन्द गुलबन्द नगीना
त्वें कु मेरी सासू ब्वारियो की अगिना