225 से बिंडी कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
एक नौनी आठ वर्ष उपरान्त ड्यार आयी ,
अब नौनी क नाम क ऐथर डाक्टर छौ अर नामौ पैथर एमडी
ब्वे बाब क आँख म प्रसन्नता क आंसू छा।
कि बेटिक अंदर को वाटर कलरिंग आर्ट को कलाकार मोरि गे हॉल अब तक। तौन दुसर दिन एक लॉन म पार्टी धार। ब्वे अर बाब जै तैं मिलणा बुलणा कि हमर एकी बेटी च। हमन अधिकारपूरबल तैंक निरर्थक वाटर कलरिंग आर्ट म रुचि छुड़वैक तैं तै एमडी कराई अब सया प्रैक्टिस कारली।
पार्टी क गहराती अर पौण द्वी पुळेणा छा। बनि बनि स्वादिष्ट पीण अर भोजन हो तो पौण पुऌयेंदा ही छन।
पार्टी अंत म सब तै बलैक घोषणा कार , बड़ो पुळेणो बात च कि मि तै प्रोफेसर की आय जथगा वृति पर अकैडमी ऑफ आर्ट म वाटर कलरिंग आर्ट म रिसर्च करणो आज्ञा मिल गे। भोळ सुबेर मि दिल्ली जाणु छौं।