245 + कथा रचयिता : भीष्म कुकरेती
मि तब रेडिओ कम्पनी म ब्रांच सेल्स मैनेजर छौ।
मि तीन मैना बिटेन अफ़्रीकौ सेठ अर्थात चुन्नी लाल परमार क औफिस म ऐक प्रौढ़ लगभग तीस वर्ष उमरौ अकउंटेंट दगड़ बैठि अकॉउंट टैली करदो छौ। अर तब पूना क बड़ दुकानदार सी एल ट्रेडिंग क इलेक्ट्रॉनिक्स की दूकान म ऐक बतांदु छौ कि तुम पर पिछ्ला व्यापार गणत मदे एक हजार तीन सौ सत्ताईस रुप्या शेष छन. जन कि अफ़्रीकौ सेठ क ढब छौ , मुल मुल हौंसि बोल दींदा छा , बस तुमर दुसर मैना टूर म चेक उद्यत रालो।
अफ़्रीकौ सेठौ नाम छौ चुन्नी लाल परमार किन्तु भौत वर्ष पैलि अफ्रीका से धन अर्चित कौरि अर तौन पूना म बड़ी दुकान खोल दे छे। लेन देन म ईमानदार किन्तु लाभ व अतिरिक्त छूट क विषय म अति संवेदनशील। अफ़्रीकौ सेठौ बुलण छौ बल कम्पनी क धन नि मरण चयेंद एक नयो पैसा बि किन्तु अतिरिक्त लाभ मंगण म कबि बि कृपणता नि दिखाण चयेंद।
एक दैं हमर सेल्स मैं की असावधानी से तीन हजार रुप्या डिस्काउंट कटण बिसर गे तो चुन्नी लाल परमार जीन पांच हजार रुपया वर्तमान बिल मंगन काटि दे। तो गणत कौरि सी एल ट्रेडिंग पर हमर शेष छौ क हजार तीन सौ सत्ताईस रुप्या , हमर कम्पनी बि उधार एक रुपया बि नि रखदी छे। भारत म तब उत्पादन हीन हूंद छौ अर आवश्यकता बिंडी तो तब हम दस रुपया बि नि छुड़दा छा। कंपन्यूं की दादागिरी चल्दी छे। सी एल ट्रेडिंग बड़ो ग्राहक छौ तो बड़ बॉस न तेरा सौ रुपया उगाणो कार्य मैं सौंप कि बड़ ग्राहक रोष म बि नि आवो अर पगाळ बि बौड़ जावो।
मैना मैना एक लाख से बिंडी व्यापार सी एल ट्रेडिंग दगड़ हूणु छौ स्यु धन तो समय पर मिलणु छौ किन्तु तेरा सौ रुपया तन्याक तनि शेष छा।
मि तै पुनः उत्तरदायित्व मील कि मी इ तेरा सौ रुपया उगौं। मुंबई से पूना उतरणों उपरान्त मि होटल ग्यों अर तब सीधा सी एल ट्रेडिंग क दुकानिम ग्यों। भल यू ह्वे कि गल्ला पर चुन्नी लाल जी ही बैठ्यां छा। म्यार सिवा सौंळि से पैलि चुन्नी लाल जीन बोलि , ” नमस्कार साब। ऑडर लेटर से भेज याल। अर वो कुछ शेष छौ ना ? वो क्या ह्वै इ कि ब्याळि इ म्यार अकाउंटेंट क बुबा जी क देहांत ह्वे गे तो अकाउंटैंट नि आयी आज। बस अगला मैना बही -खाता क गणत म जो बि आलो। स्यु चेक दे देलु।
मि निरास ह्वेक होटल ग्यों। पूना म आज बि बिंडी दुकान एक बजि से चार बजि तक बंद रौंदन तो मीन स्वाच दुफरा भोजन होटल म कौरि विश्राम कौरि स्याम दै द्वी तीन दुकानदारों से मिल ल्योलु अर भोळ ट्रेन से सुबेर सुबेर कोल्हापुर चल जौलु।
मीन दुफरा भोजन होटल क रेस्ट्रोरेंट म करणों निर्णय ले कि गरम गरम भोजन तो रेस्ट्रोरेंट म ही। मि रेस्ट्रोरेंट म पौंछि हॉल कि पैंथर बिटेन एक ध्वनि आयी , ” रावत जी ! “
मीन पैथर मुड़ि द्याख तो तखम सी एल ट्रेडिंग क सर्विस मैनेजर लोखंडे छौ। लोखंडे सी एल ट्रेडिंग क अकउंटेंट क भुला छौ।
मीन तै तैं लंच करणों आमंत्रण दे। टेबल म बैठ तो मीन बुबा जी मरणों पश्त्यौ दे तो लोखंडे रूण लग गे।
लोखंडे न कळकळी भौण म ब्वाल , ” म्यार बुबा जी तो क्या सुंदर स्वस्थ छन। “
“पर अफ़्रीकौ सेठन तो ब्वाल कि ब्याळि अकउंटेंट क बुबा जीक देहवसान ह्वे। ” मीन अपर बात स्पष्ट कार।
” अरे सेठ जी तेरा सौ रुप्या नि दीण चाणा छन ,” लोखंडे क टिप्पणी छे।
मीन झट से ब्वाल , ” ह्यां पर एक करोड़पति सेठ अर तेरा सौ रुप्या खाण चाला ? वो तो म्यार अनुभव म इन नि छा। “
” हाँ तीन चार मैना तक इनि छा किन्तु अब तो क्या बुलण। बुश तै पांच सौ रुपया , नेल्को क द्वी सौ रुपया , क बान सेठ जी झूठ पर झूठ बुलणा छन अजकाल। ” लोखंडे न ब्वाल। रुकिक पुनः ब्वाल , “अरे सोल्डरिंग आइरन वळा दगड़ बीस रुपया क झगड़ा चलणु ी च। दस रुपया क बान आईएफटी वळ दगड़ भौत बड़ झगड़ा चल। “
मीन आश्चर्य म ब्वाल , ” पर अफ़्रीकौ सेठ इन दस पांच क्या सौ द्वी सौ रुपया बान इन नि छा। वो अकॉउंट म एक रुपया ना तो छुड़द छा ना ही निशुल्क एक रुप्या मारदा छा। इलेक्ट्रॉनिक उद्यम म सेठ जी की बड़ी प्रतिष्ठा च हिसाब किताब क विषय म।
“
लोखंडे क उत्तर छौ , हां पर जब बिटेन सेठ जीक नौन न तीस लाख रुपयों लॉस कार सेठ जी लोगुं क पांच दस रुप्या मरण गीजी गेन। डिगचा भौरि भूक नि मिठ अर डिगचा चाटिक भूख मिटाओ हुयुं च । “
मीन आश्चर्य म पूछ , ” सेठ जी क नौना लॉस ?”
लोखंडे न बताई कि अफ़्रीकौ सेठ क बड़ नौनु पंकज न दगड़योन क पुळयाण पर एक मराठी फिल्म प्रोडक्शन शुरू कर दे। फ़िल्मी दगड्यों न ब्वाल कि आजकाल मराठी फिल्म दस पंदरा लाख म प्रोड्यूस ह्वे जांदी अर बुरी से बुरी अवस्था म बीस लाख रुपया लेकि लांदी। तब दादा कोंडके क फिल्मों क क्रेज छौ। तो दादा कोंडके क फिल्म जन कथा लिखे गे व द्विअर्थी डायलॉग वळी फिल्म बणए गे। दादा कोंडके जन इ कलाकार लिए गे। कोल्हापुर गोवा म सूटिंग ह्वे अर पंकज क पंदरा लाख लग गेन। जब फिल्म बिचणों समय आयी तो फिल्म नि बिक , कनि कैक पुणे क न्याड़ ध्वार पिक्चर लगाए गे। कुल द्वी लाख वापस बौड़ी ऐन।
जब बि कै तै हानि हो तो वो वी बाटो से ही हानि से लाभ पूर्ति करदो। तो दुसर फिल्म प्रोड्यूस करे गे अब अशोक सराफ को युग छौ तो वैकि फिल्मों क कॉपी कोरी फिम बण। यिन पिक्चर से बि हानि ही ह्वे। अफ़्रीकौ सेठ पर नौन क कारण ठेस लाख को फटका लग गे। सेठ जी तै अपर प्रतिस्ठा रखणों हेतु बोत क्लब न्याड़ौ मूलयवान स्थल आने पौने मूल्य म बिचण पोड़।
मनिखो मनोविज्ञान क कुछ नि बुले सक्यांद कि कब कु अपर व्यवहार , प्रकृति कब परिवर्तित कौर सकुद धौं। डिगची भौरि भात से कुछ नि हो तो डिगचा चाटि क्या होलु आणा तै चरितार्थ करदा करोड़पति सेठ चिन्दी चोर जन व्यवहार करण लग गे। कथगा चोट पड़ी होली अफ़्रीकौ सेठ चिन्दी चोर जन व्यवहार करण लग गे।
इलै बुल्दन मनिखाक मन कब क्या ह्वे जावो भगवान बि नि बतै सक्दो।