(चबोड़ाचार्य की हास्य व्यंग्य श्रृंखला )
– गढ़वळिम सर्वाधिक व्यंग्य रचयिता – भीष्म कुकरेती चबोड़ाचार्य’
तीन चार वर्षों से मेरो मौलिक गढ़वाली साहित्य लिखण म अवरोध ही राई। अर मि सोशल मीडिया म दुसराक पोस्ट शेयर करण गीजी ग्यों जाँसे फेसबुक्या मित्र चारु तिवारी जी , दयाल पांडे जी , रमेश घिल्डियाल जी, दिनेश बिजल्वाण जी , प्रदीप रावत सरीखा विद्वान रुसेण बिसे गे छा। भौत दिनों उपरान्त आज लिखणौ दाढ़ खुल। दाढ़ बि इलै खुल कि म्यार गाँव बिटेन गांव वळुं प्रत्येक दिन फोन आणा छा कि क्या सचमुच म राहुल गांधी जी प्रधान मंत्री बण सकदन ? अधिकतर गाँव वळ बाड्रा कॉंग्रेस का वोटर छन जो एक सार म मै फोन करदन कि मि राहुल जी तै प्रधान मंत्री बणनो क्वी कौंळ सिखै द्यूं !
अब बताओ घुणदौ जलड़ वैमन ल्हावो जैक द्वी पाळी दांत नि होवन। खबळ्या से दांत पीड़ा की औषधि पुछेणि च। मंथरा से राम कन जस मीलल क प्रश्न पुछेणु च। पर यो ही तो जीवन च। विरोधाभास सब स्थानों म च।
किन्तु गाँव वळुं दगड़ तो सीधो ही रौण। गुराओ कथगा बि भैर ट्याड बंग चलो , गुरौदूंळ म गुआ सीधो ही सरकद। तो मीन गाँव भक्त ह्वेका ” क्या राहुल गांधी भारत क प्रधान मंत्री बन सकते हैं ? का उत्तर निम्न ढंग से शोध कार अर गाँव वळों तै बताई –
मेरी क्या भौतुं विचार च बल सर्वपर्थम राहुल जी तैं प्रधान मंत्री बणनो कुण बैक बणन पोड़ल। बैक अर्थात प्रौढ़। अर नाद प्रौढ़ तै बचपना करण छुड़ण पोड़ल। भारतवासी ये आशा म छा कि एक अदंत बौड़ ३००० सहस्त्र किलोमीटर की यात्रा से विचारशील बल्द बण जालो किन्तु अब तक तो लोक निराश इ छन कि नादान बचपन छोड़ी प्रौढ़ नि बौण ।
मेरो इ ना सोनिया बौ का बि बुलण च बल राहुल जी म फिसड्डी सलाहकारों का विचार ना अपर बुद्धि से निकळ्यां विचार हूण चयेंद। लंदन म कैंब्रिज वि वि म दियां भाषण से तो नि लगणु कि राहुल जी म अपर स्वयं की बुद्धि हो । चार पांच वर्षों से तोता जन रट्यां रुट्यां भाषण से क्वी बड़ो नेता बणदो तो हमर प्रधान मंत्री क्वी कळ्ळु/तोता नि हूंद ? भारतीय जनता कुछ बि हो वींन कळ्ळु/ तोताओं जन रटण वळ नेता तै प्रधान मंत्री नि चुणदी । इख तक कि अकस्मात रूप से बण्या प्रधान मंत्री मोरार जी , चरण सिंह जी , चंद्रशेखर जी , राजीव जी , नरसिम्हा राव जी , देवगौड़ा जी , गुजराल जी क अपर मौलिक बुद्धि जनित विचार छा। पंडित नेहरू जी , इंदिरा जी , अटल जी , मनमोहन सिंह जी व मोदी जीका तो मौलिक बुद्धि व विचार क बाराम कै माँ मतभेद नि ह्वे सकद . भग्यान राजीव जी मा अपर बुद्धि छे या ना मि नि जणदु किन्तु राजीव जी म बुद्धिमान , चतुर सलाहकार रखणो पूरी बुद्धि छे। अब गढ़वळि म एक कहावत च बल जु डाळ ५ वर्ष म नि सीधो ह्वे ५० वर्ष म क्या सीधो होलु ? ५२ वर्ष म मौलिक बुद्धि आली कि ना मैं पता नी।
मोळ माटौ मादेव तैं बि प्रधान मंत्री बण सकद ? हां किले ना वी पी सिंह जी बौण इ छन तो राहुल जी बि बौण सकदन। किन्तु तांकुण भारतीय जनता तैं राष्ट्रीय बाड्रा कॉंग्रेस दल तैं लोक सभा म कम से कम २०० सीट पर जिताण पोड़ल। दिल्ली , राजस्थान , मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़, गुजरात आदि से तो राहुल जी तै आशा करण नि चयेंद कारण अबि बाड्रा कॉंग्रेस म शक्ति नी कि भाजपा दगड़ सीधा छौंपा दौड़ म बाड्रा कॉंग्रेस जीत जावो। यदि यूं राज्यों जीतल बि त २०० सीट नि ऐ सकदन। तो २०० सीटों वास्ता यदि अखिलेश समाजवादी पार्टी , आरजेडी, जनता दल यूनिटेड (बिहार ) , जनता दल कर्नाटक क स्थान पर केवल बाड्रा कॉंग्रेस तै लड़ाओ , डीएमके बाड्रा कॉंग्रेस कुण ३० सीट छोड़ दयावन। ममता जी अपर टीएमसी क कार्यालय बंद कर द्यावो, अरविन्द केजरीवाल पंजाब , दिल्ली म चुनाव इ नि लोडन अर कौमनष्टी लाल झंडा की स्थान पर बाड्रा कॉंग्रेस का तिरंगा उठावन। किन्तु इन हूण असम्भव च तो राहुल जी तै स्वयं बुद्धि लगाण कि कनै २०० लोक सभा सीट जिते जावन। मल्लिकार्जुन जी , गहलोत जी , जयराम रमेश जी, सुरजेवाला जी , का भरोसा से तो बाड्रा कॉंग्रेस ४० सीट बि जीत जैली तो कुम्भ नयाण से कम नी।
जु ४० एमपी से प्रधान मंत्री इ बण सक्यांद तो ममता जी , स्टाइलेन जी , नितीश जी , तेजश्वनी यादव , अखिलेश जी , केसीआर जी स्वयं प्रधान मंत्री नि बण सकदन ?
मीन एक समाजशास्त्री से २०२४ म बाड्रा कॉंग्रेस की जीत पर प्रश्न पूछ। तो समाज शास्त्री जी न उत्तर म जै दल का सर्वोपरि नेता बिन उद्देश्य का , बिन समाज तै हिलायी का , बिन समाज तै झकझोरिक ३००० किलोमीटर यात्रा कारल तो यु इनि ह्वे जन गढ़वाल म बधाण पुजै तै जबरदस्ती तीज -त्यौहार सिद्ध करण। अल्पवयस्क तै अनावश्यक वयस्क बणान अर्थात क्वीन बिटेन गुड़ खाणो प्रयत्न।
मीन एक मार्केटिंग क जणगरु से पूछ कि क्या राहुल जी प्रधान मंत्री बण सकदन तो उत्तर छौ मोदी जी पर बाण मरण तो सरल च किन्तु कुजगए बाण मरणै (हीन स्थान पर तीर मारना ) सज्ञात अबि नाबालिग प्रौढ़ म नी।
मीन मुंबई म बोडी तैं बाड्रा कॉंग्रेस क २०२४ म भविष्य पूछ तो अनुभवी बोडी क उत्तर छौ बल उन राजनैतिक भविष्यवाणी नि करण चयेंद पर किन्तु म्यार अनुभव बुलणु च बल दिख्युं आँख क्या दिखण अर तप्युं घाम क्या तपण !
अब एकि उत्तर च कि अवयस्क प्रौढ़ की पार्टी यदि २०० सीट जीत गे तो भविष्य उज्जवल च।