संकलन – भीष्म कुकरेती
स्व उमा दत्त डोभाल अपने काल के महिला पत्रों के सजीव पाठ खेलने हेतु प्रसिद्ध थे। तब गढ़वाली नाटकों में महिला पात्र का अभिनय पुरुष ही करते थे। उमा दत्त डोभाल ने तब यह जीवट कार्य किया व गढ़वाली नाट्य परम्परा के विकास में अपना योगदान दिया।
नाम उमा दत्त डोभाल
पिता का नाम स्वर्गीय श्री रघुबर दत्त डोभाल
माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती स्वाति डोभाल
जन्म तिथि 1. 3. 1926
जन्म गांव तंगोली अस्वालस्यु पट्टी
शिक्षा 1 से कक्षा 5 तक सकिन खेत स्कूल अस्वालस्यु पट्टी
6 से कक्षा 8 तक कांसखेत स्कूल
9 से 11 कक्षा डीएवी स्कूल दिल्ली
BA दिल्ली यूनिवर्सिटी से
व्यवसाय सरकारी कर्मचारी वित्त मंत्रालय में 29. 2.1984 को सेक्शन ऑफिसर के पद से रिटायर हुए
15.9.1912 को स्वर्गवास हुआ
दिल्ली में रहकर प्रवासी बंधुओ के साथ मिलकर गढ़वाल सभा बनाई जिसका उद्देश्य प्रवासी भाइयों की समस्याओं का निवारण और अपनी संस्कृति का प्रचार सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवम् नाटकों के जरिए करना था
नाटक जिनमे अभिनय किया भक्त प्रह्लाद घर जवाई (जिसमे उन्होंने महिला का किरदार निभाया था) साथ ही ललित मोहन थपलियाल जी के सभी नाटकों यथा एकीकरण , खाडू लापता , अंछेरिको ताल आदि नाटकों में भी अभिनय किया बाद में गढ़वाल सभा में कुछ बुद्धिजीवी लोग आए उन्होंने इस सभा का नाम बदल कर जागर कर दिया उसके कारण इनका मन दुखी हुआ और जागर के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया