गढ़वाली रंगमंच विकास में योगदान श्रृंखला – 6
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संकलन – भीष्म कुकरेती (भारतीय साहित्य इतिहासकार )
गढ़वाली जन की जनसंख्या लगभग पचास लक्ष तक है अतः नाट्य मंचन कन्सेप्ट कई तरह से समस्या से जूझता है। ऐसे में गढ़वाली रंगमंच विकास में प्रत्येक कलाकार का योगदान महत्वपूर्ण माना जाना चाहिए। गढ़वाली रंगमंच में धन की समस्या सबसे बड़ी समस्या है व कलाकार लगभग अपने खीसा से ही धन लगाकर रंगमंच विकास करते आये हैं।
आज हम हरेंद्र सिंह रावत के योगदान पर विचार करेंगे।
आज हम हरेंद्र सिंह रावत के योगदान पर विचार करेंगे।
नाम – हरेंद्र सिंह रावत
पिता का नाम – स्वर्गीय श्री कल्याण सिंह रावत
ग्राम हसुड़ी ,पट्टी मनियारसंयू , पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड।
जन्म तिथि- 22/09/1954
शिक्षा – स्नातक, दिल्ली यूनिवर्सिटी
1. प्रथम नाटक – जय सिंह काका ,1986
2 .श्रीदेव सुमन!
3.ठुल बहादुर!
4.बीर चँन्द्रसिँह गढ़वाली !
5.पैँसा न ध्येला गुमानसिँह रौतेला !
. 6 अर्द्धग्रामेश्वर!
7. चखुली प्रधान!
8. सुराज!
9 रुकमा रुमेलो!
10 समलौण 2!
11 तुड़मतुड़ा!
12 तीलू रौतेली!
13 रानी कर्णावती!…