संकलन – भीष्म कुकरेती (लोक साहित्य शोधार्थी )
खेल की परिभाषाएं
खेल मानव का एक लक्षण है। हर युग में लोक खेल परिमार्जित होते रहे हैं और भविष्य में भी लोक खेल मानव समाज में आते रहेंगे।
खेल एक कार्य है जिसका उद्येस्य मनोरंजन या शिक्षा या दोनों होता है। खेल वास्तव में रचनात्मकता , कला निहित है जिसमे जिस्मानी शक्ति , मानसिक शक्ति व टीम भावना का समिश्रण होता है।
खेल में समय और जगह आवश्यक कारक हैं।
खेल का प्रतिफल अनजान है जो खेल रोमांचक बना डालता है।
लोक खेलों में खेल में उत्पादकशीलता नहीं होती है और कभी कभी जब खेल व्यसन का रूप ले ले तो अलाभकारी भी हो सकता है।
खेल में नियम अवश्य होते हैं।
खेल में प्रतियोगिता निहित है किन्तु इसे युद्ध कदापि नही कहा जा सकता है।
खेल में प्रतिद्वंदिता व प्रतियोगी, प्रतिरोध , प्रतिरोध समाधान आवश्यक हैं।
खेल में गोल और खेल का आकार महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
खेल में आधुनिक तकनीक का समावेश भी होता जाता है जैसे आज वीडिओ गेम। या तीर कमान खेल में आधुनिक तकनीक का समय समय पर प्रयोग।
खेल में कम से कम दो खिलाड़ियों का होना लाजमी है। जब एक खिलाड़ी किसी खेल में होता है तो वह एक विशेष तरह का खेल माना जाता है जैसे एक आदमी बाग़ बकरी का खेल दो खिलाड़ियों की तरफ से खेले।
खेल खिलाड़ियों और दर्शकों को आनंद पूर्ति करता है।
खेल में चुनौती , बातचीत , एक दूसरे को प्रभावित करना , मानसिक या शारीरिक संवाद भी आवश्यक हैं।
खेल सदा से ही एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों में प्रसारित होते जाते हैं और बहुत से समय बदलाव के कारण क्षेत्रीय लोक खेल के रूप में प्रसिद्ध हो जाते हैं जैसे गंगासलाण , पौड़ी गढ़वाल में हॉकी को बदलकर एक नया खेल उत्पन्न हुआ जिसे हिंगोड़ कहते हैं और इसी तरह रग्बी ने हथगिंदी का रूप लिया। युद्ध खेल ने गढ़वाल -कुमाऊं में सरौं नृत्य रूप ले लिया।
उत्तरा खंड के लोक खेल , गढवाल के लोक खेल , कुमाऊँ के कुछ लोक खेल
१- गारी खिलण – Ggari Khilan
२- बाग़ बकरी को खेल – Bak BAKHRI KU KHEL
३- लुक्का छुपी –Luka Chippi, Hide & Seek
४- काणो बौणिक पकड़ण- Kano Baunik Pakdan, Catch as being Blind
४अ- पकडवा पकड़ – Pakdwa Pakad
५- इकटंड़या – Iktangdya
६- छौम्पा दौड़ -Chhaumpa Daud
७- रिंगण -Ringan
८- फाळ मारण -Falh Maran Jumping
९- कुद्दी मारण – Kuddi Maran, High Jump
१०- झुळी खिलण – Jhilli khilan
११- रीठा भैन्स्वळ कु गुच्छी क खेल – Reetha Bhainswal ku Gucchhi Khel
१२- गुल्ली डंडा कु खेल -Gulli Danda
१३- हथ गिंदी खिलण -Hath Gindi
१३अ- पत्थर की ढेरी गिंदी से फुडणो खेल Patthar ki Dheri tain Gindin Fudno khel
१४- खुट गिंदी खिलण -Khutt gindi , Football
१५- हिंगोड़ -Hingod , Hockey
१६- बा कटण (तैराकी )-Baa katan -swimming
१७- नाव चलाण -Nau chalan, Boating
१८- पत्थर घुरैक चुलाण -Patthr ghuraik Culan
१९- पटाळ /घास मा रौड़ण -Patal Ghas ma raudan
२०- अयेड़ी खिलण – Ayedi khiln -Hunting
२१- माछ मारण -Machh maran -Fishing
२२- खाडू बुखटयौ तैं लड़ाण – Khadu/BUKHTYA ladan–FIGHT OF RAM/HE GOAT इसी तरह केंकड़े लड़ाना
२३- रसा कस्सी – RASA KASSI, Tug of War
२४- तास खिलण – Tass, Card playing
२५- चौपड /कौडी कु खेल = Chaupad/Kaudi ku KHEL
26 इची दुची
27 डाळ म झुंटा खिलण Swinging on tree branch
कुछ खेल में प्रतियोगिता नहीं होती किन्तु शारीरिक बड़पन्न , चातुर्य के कारण इन्हे खेल कहा जाता है –
२८ – तम्बाखू बोते समय खेत में नाचना
२९- चौक में अनाज बालियों में छज्जे से कुड्डी मारना
३०- शादी उपरान्त कंगन तोडना
३१- इलाडु /कडुवा काखड़ी पर डंडियां लगाकर धार नीचे रिंगाना
४०- बादियों द्वारा लांग खिलण