( वर्णशंकर बामपंथी बुद्धिजीवियों के हिन्दू आतंकवाद ‘शब्द’ से बाल नहीं जले किन्तु मोदी यात्रा से सब बाल जल गए )
छवि सुधार विपणन विमर्श : भीष्म कुकरेती
जब कमला हसन ने नाथूराम का दृष्टान्त देकर कहा बल नाथूराम गोडसे हिन्दू आतंकवादी था तो उत्तराखंड के बामपंथ झुकाव वाले बुद्धिजीवियों ‘लटल’ टेढ़े नहीं हुए किन्तु मोदी की केदारनाथ यात्रा पर बाम पंथ विरोधी ममता दीदी की भृकुटि तन गयी और उत्तराखंडी बामपथियों के जगह जगह बल जल गए। ममता का जलना भुनाना चिढ़ना जायज है पर उत्तराखंडियों द्वारा मोदी केदारनाथ यात्रा का अनायास विरोध तो अनायास कूड़ी पुंगड़ी जलाकर आग तापने वाली बात हुयी।
क्यों मोदी की हर केदारनाथ यात्रा आवश्यक थी
मैं अभी भी घूमता रहता हूँ कुछ महीनों को छोड़कर और धनी ट्रेडरों से मिलता रहता हूँ या फोन पर बात करता रहता हूँ। जैसे मैं फेसबुक मैं गढ़वाल को केंद्रित बाते करता हूँ तो ट्रेडरों को हमेशा अहसास दिलाता था बल मैं उत्तराखंड का हूँ। इन ट्रेडरों से पता चला कि अभी भी केदारनाथ आपदा की याद इनके या इनके मित्रों (संभावित पर्यटक ) के मन में डिजास्टर संबंधी संशय लुका छिपा है ही। याने पूरे भारत में यह मानसिकता बरकरार है। फिर हर बरसात में उत्तराखंड की राष्ट्रीय न्यूज क्या रहती है ? बद्रीनाथ यात्रा में रुकवाट , गंगोत्री पथ पर भूस्खलन से दो दिन यात्रा रुकी या यमनोत्री मार्ग पर यात्रा स्थगित आदि आदि। मतलब – डिजास्टर समाचार ही उत्तराखंड के समाचार।
प्रधान मंत्री मोदी द्वारा चार बार केदारनाथ यात्रा से डिजास्टर शंका कम नहीं हुयी किन्तु संभावित यात्रियों के मन में सकारात्मक संदेश गया कि स्थिति बहुत सुधर गयी है और अब चार धाम यात्रा सुगम है सुरक्षित है। चार धाम संस्थान कितने भी विज्ञापन करते यह सुरक्षा भाव संदेश देश के कोने कोने में नहीं पंहुचता जितनी की हर मोदी यात्रा ने सुरक्षा भाव जगाया।
अरबों रूपये का विज्ञापन से अधिक प्रभावकारी मोदी भ्रमण
उत्तराखंड को पर्यटक चाहिए और प्रचार प्रसार आवश्यक है। जितनी पब्लिसिटी/प्रचार उत्तराखंड पर्यटन को मोदी की द्वि दिवसीय यात्रा से मिली उतनी पब्लिसिटी अरबों व्यय करके भी नहीं मिलती। तो हर उत्तराखंडी चाहे वह भाजपा भक्त हो या फिरोज जहांगीर गांधी परिवार की बपौती कॉंग्रेस कार्यकर्ता हो या गैरसैण समर्थक हो उसे मोदी केदारनाथ यात्रा की प्रशंसा करनी चाहिए कि मोदी यात्रा से उत्तराखंड पर्यटन को जनसम्पर्कीय लाभ मिला। पत्रकारिता के नियमों में एक है बल प्रधान मंत्री के एक एक कृत्य की खबर जानो और उसे जनता तक पंहुचाओ। उत्तराखंड को इस सिद्धांत से लाभ मिला।
केदार गुफा का प्रचार प्रसार हो चला
मोदी ने केदार गुफा में 17 घंटे ध्यान लगाया जिस पर गैर हिन्दू धर्मी और हिंदी विरोधी पत्रकार जुंटा ने फब्ती कसी बल ‘नरेंद्र मोदी का कारनाथ में कैमरे के साथ ध्यान का नया तरीका ‘. गैर हिन्दुओं व हिंदू सिद्धांत विरोधियों की फब्तियों से उत्तराखंड को ही प्रचार मिला। आज मुंबई के हर अखबार में गुफा का रेट 990 रूपये प्रचारित हो रहा है बिना कोई धेला दिए तो उत्तराखंडियों को मोदी को धन्यवाद देना ही चाहिए -थैंक यू मिस्टर मोदी फॉर पब्लिक रिलेसन वर्क्स फॉर चार धाम यात्रा।
गैर हिन्दू प्रोड्यूसर ऐक्टर -कमाल आर खान जिसने उपरोक्त फब्ती कसी को मैं बता दूँ बल हिन्दू धर्म कोई ऐसा धर्म नहीं जिसमे फ्लेक्जिबिटी न हो और तकनीक व विज्ञान से परहेज हो कैमरे के सामने ध्यान हिन्दुओं में कोई मजहबी गुनाह नहीं है कि ऐसे हिन्दू को सरे आम चौक में कोड़े मारे जायं ।
थैंक यू नव अवतार ‘बोल्दा केदारनाथ ‘! -मिस्टर मोदी फॉर ऑफरिंग अस सो मच पब्लिक रलेसन बेनिफिट्स !