यमुनोत्री मंदिर धाम
उत्तरकाशी मंदिर श्रिंखला-४
अनिता नैथानी ढौंडियाल
यमुनोत्री मंदिर धाम भारतक उत्तराखंड राज्य क उत्तरकाशी जिला मा च। ऋषिकेश बटी२१०किलोमीटर अर हरिद्वार बटी २५५किलोमीटर सड़का रस्ता अर समुद्र तल बटी१०हजार फीट उच्चु एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ च।
यमुनोत्री महिमा
सर्वलोकस्य जननी देवी त्वं पापनाशिनी।
आवाहयामि यमुने त्वं श्रीकृष्ण भामिनी।।
तत्र स्नात्वा च पीत्वाच यमुना तत्र निस्रता सर्व पाप विनिर्मुक्त: पुनात्यासप्तमं कुलम।
मतलब जख बटी यमुना नदी निकलणी च वख स्नान कन्न से अर वखौ पाणी पेण से मनखि पाप मुक्त ह्वे जंदन अर ऊंका सात कुल तक पवित्र ह्वे जंदन।
पुराणों मा यमुना तैं सूर्य पुत्री बुलै गी। सूर्य कि छाया अर संज्ञा नामकि द्वी पत्न्यूं से यमुना ,यम, शनिदेव अर वैवस्वत मनु प्रगट ह्वेनी इलै यमुना यम अर शनिदेव क बैणी ह्वे। भैदूज म यमुना क दर्शन अर मथुरा म स्नान कु भौत महात्म्य च। यमुना सबसे पैली पाणी क रुपम किलिंद पर्वत म ऐ। ये वास्ता ईंकु एक नौ कालिंदी भि च। सप्त ऋषि कुंड, सप्तसरोवर कालिंद पर्वता ऐंच च। पुराणों म बुलैगी कि भगवान श्रीकृष्ण कि आठ पटराण्यूं मा एक कालिंदी यमुना भि छै। यमुना क भै शनिदेव क भौत पुरणू मंदिर खरसाली मा च।
इन मनै जांद कि जु भी यमुनोत्री धाम ऐकि यमुना जी का पवित्र पाणिम नयेंदन अर खरसाली म शनिदेव क दर्शन करदन ऊंका सौब कष्ट दूर ह्वे जंदन। यमुनोत्री म सूर्य कुंड,दिव्यशिला अर विष्णु कुंड क दर्शन अर छूण से ही लोग सौब पापूं से मुक्त ह्वे कि मोक्ष ककु प्राप्त ह्वे जंदन। एक पुरणी कथम यखम असित मुनि रैंदा छा।अबरि कु मंदिर जैपुर कि माराणी गुलेरिया न१९वीं शताब्दी म बणै छौ। भ्वींकम न एक बार यु उजड़ गे छौ जु फिर बणयेगी। यु तीर्थ यमुनोत्री हिमनद बटी पांच मील तौल द्वी पाणी क छौड़ौ क बीचम एक कैड़ा पाड़म च।यखम प्रकृति कु भौत सुंदर अचंभित गरम पाणीक भभरांदा छौड़ा ओम् जन आवाज सुणेदी। वास्तव मा गरम पाणी क मिलणै जगा हि यमुनोत्री च। हनुमान चट्टी यमुनोत्री धाम जाणूं आखिरी बस अड्डा च। यांका बाद नारद चट्टी,फूल चट्टी अर जानकी चट्टी ह्वेकी यमुनोत्री तक पैदल रस्ता च।जानकी चट्टी म यात्री रात आराम करदन। कुछ लोग जानकी चट्टी सीता क नौ से मन्दन पर इन नी च।१९५६ मा एक धार्मिक महिला जानकी देवी न बीफ गौं मा यमुना क दैं तयफ भौत बड़ी धर्मशाला बणवै छै वींका याद म हि बीफ गौं जानकी चट्टी क नौं से परसिद ह्वे।पैली हनुमान चट्टी बटी यमुनोत्री कु रस्ता भौत खतरनाक छौ जांका वास्ता चार मील लंबी सड़क बणौणू दिल्ली का सेठ चांदमल न माराजा नरेंद्र शाह क टैमम पचास हजार रुप्या देनी। यमुनोत्री बटी कुछ पैली भैरौंघाटी पड़दी जखम भैरौं मंदिर च। केदारखण्ड (९/१-१०)म यमुना अवतरण कु बिशेष उल्लेख च। ईं तैं सूर्य पुत्री,यम सहोदरा अर गंगा यमुना तैं वैमातृक बैणी बुलै गी। ब्रह्मांड पुराण म यमुनोत्री तैं यमुना प्रभव तीर्थ बुलै गी। ऋग्वेद (७/८/१९)म भि यमुना क बारा मा लिख्यूं च। महाभारत मा भि लिख्यूंच कि जब पांडव उत्तराखंड कि यात्रा म ऐ छा त उ सबसे पैली यमुनोत्री, तब गंगोत्री फिर केदारनाथ बद्रीनाथ गै छा तब बटी उत्तराखंड यात्रा वामावर्त करे जांद। महामयूरी ग्रंथ म यमुना प्रदेशम दुर्योधन यक्ष कु अधिकार छौ वेकु प्रमाण च कि पार्वत्य उपत्यका की पंचगायीं अर गीठ पट्टी म आज भि दुर्योधनै पूजा होंद यमुना किनरा शक अर यवन बस्त्यूं क बसणू क बारा मा भि बतयेगी। यमुनोत्री धाम म सबसे ज्यादा सुंदर यखम तप्तकुंड छन केदारखंड क ब्रह्मकुंड (अब सूर्य कुंड) लगभग १९५डिग्री फारेनहाइट जु गढवालक सब्य तप्तकुंडौं म सबसे ज्यादा गरम च।जामा ओम् की आवाज सुणै जांद इ कुंड जरा गैरा छन जामा अल्लू अर चौंलूं कि कुटरी डण्ल पर उ पक जदन यमुनोत्री बटी चार मील ऐंच एक खतरनाक पाड़म सप्तर्षि कुंड भ बतयेगि इन बुलै जांद कि ये कुंडा किनरा सप्त ऋषियूंन तपस्या करी छै। यख हर क्वी नि जै सकदू। वखा लोग बोल्दन कि आज से साठ साल पैली विष्णु दत्त उनियाल वख गै छा वापस औंद दां ऊंन वख एक शिवलिंग देखी जनि ऊंन उठाणै कोशिश कैरी वु गैब ह्वेगी।
मंदिरा कपाट अक्षय तृतीया क पावन पर्व पर खुलदन अर दिवली क दिन कपाट बंद हुंदन। यमुनोत्री मंदिर क सबसे परसिद तप्तकुंडौं म सूर्य कुंड च।भक्त देवी क परसाद चडौंणू कपड़ै पुटली मा अल्लू अर चौंल बांदीकी सूर्य कुंड क गरम पाणीम पकदन ये परसाद चड़ै कि परसाद क रूप मा घौर भि लदन। सूर्य कुंड क समणा दिव्य ज्योति शिला च यमुना कि पूजा से पैली ईं शिला कु पूजा करै जांद।यख दिनम मौसम बड़िया अर रात भौत ठंडी होंद। यात्रा रस्ता म जीएम वीएन यात्री विश्राम गृह निजी विश्राम गृह अर धर्म शाला छन
हवै रस्ता देरादून जौलीग्रांट हवाई अड्डा
रेल ऋषिकेश रेलवे स्टेशन
सड़क मार्ग ऋषिकेश बटी बस कार य टैक्सी से नरेंद्र नगर बटी यमुनोत्री २२८किलोमीटर फूल चट्टी तक वांका बाद आठ किलोमीटरै चड़ै चण्ण पड़दी।