आत्मसुधार सूत्र अर कुछ आधारभूत कठिनाई
चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती
परसि एक होटलम चेक इन करण मा देर छै तो मि समय काटणो वास्ता एक पत्रिका पढ़ण मिसे ग्यों। वीं पत्रिका मा आत्मसुधार का कुछ आधारभूत अर कामक सिद्धांत दियां छया। पर भौत सा सिद्धांतुं तै अपनाण भौति कठण छन।
उखमा एक सूत्र च – हळको भोजन ल्यावो अर प्रेरणात्मक किताब पढ़ो। अब मि तै कार्टूनुं किताब पढ़न भौत पसंद च अर इन्स्पिरेसनल चॉकलेट , इन्स्पिरेसनल कुकीज़ , प्रेरणादायक मटन रोगन भौति पसंद छन।
एक सूत्र च बल दूसरों स्वागत सकारात्मक रूप से कारो। यांको मतलब तो यी च आप दांत चमकावो अर हर समय माउथ फ्रेश्नर प्रयोग कारो।
संगठित हिसाब से काम कारो अर कार्य पूर कारो। हाँ इखम मि सहमत छौं कि कामुँ लिस्ट बणान की जगा कुछ काम तो पूरा कारो।
अपण भूतकाल की सफलताओं तै दुहरावो अर याद कारो। मि सफलतापूर्वक कखड़ी चुर्याँद छौ , दुसर तै लड़ाणो बान सफलतापूर्वक एकाक गोर दसुराक पुंगड़ खदेड़ दींदु छौ अर दसक परीक्षा नकल करिक सफलतापूर्वक पास कार। समझ मा नी आणु कि यदि मि यूं सफलताओं तै दुबर दुहरौं या याद कौरुं तो अर्थ कु अनर्थ नि ह्वे जालो ?
दुसर से सलाह मांगो। इखमा मंगणै बात क्या च ? मि जैदिन बि शराब छुड़णो कसम खांदु वैदिन इ दगड्या खेंचिक दारुक अड्डा लीजाँदन कि कम मात्रा याने रोज एक क्वाटर पीण से शरीर बि अर मस्तिस्क बि तंदुरस्त रौंदन।
एकैक करिक वुं कामुं तै करण बिलकुल बंद कारो जु तुम तै पसंद नि छन याने अनैच्छिक काम बंद करण बंद करण चयेंद। मि तै नौकरी करण बिलकुल पसंद नी च अर यदि मि नौकरी करण बंद कर द्युं तो फिर खौं क्या ? परिवार कनकै पाळु ?
रचनात्मक बणो , बी क्रियेटिव , कल्पना मा बहो। अच्छा गाडी चलांद दैं यदि मीन यूँ सूत्रों का प्रयोग कर दे तो क्या होलु ?
नकारात्मक सोचों तै ल्याखो अर वै कागज तै फाड़ी द्यावो। मतलब मीन 2000 से अधिक व्यंग्य लिख्याँ छन वु सब फाड़न पोड़ल ? कारण व्यंग्य से अधिक नकारात्मक सोच हौर क्या होलु ?
जु तुम हूण चांदवां वांकी कल्पना कारो। मि कथगा बि मुंड फोड़ी द्यूं पर यीं उमर मा अब तो युवा ह्वे नि सकदु।
धन बचत का बाद जु तुम तै पसंद च वांसे अफु तै पुरस्कृत कारो। मतलब दिन तक धन बचाओ अर स्याम दै अफु तै पुरस्कृत करणों वास्ता खूब शराब पीओ।
छुट्टी मा अकेला कखि जावो अर उख भावी योजना बणाओ । ज्वाइंट फेमिली याने सयुंक्त परिवार मा अकेला छुट्टी पर कखि छुट्टी पर जये सक्यांद च क्या ?
पत्रिका मा अग्नै बि कथगा इ आत्मसुधार सूत्रछया पर ऊँ तै पढ़णो मौक़ा नि मील कारण तब तक म्यार चेक इन जि ह्वे गे छौ।