तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) के भवन संख्या १ पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन
Traditional House Wood Carving Art from Tapon, Joshimath, Chamoli
गढ़वाल, के भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन, –649
( काष्ठ कला पर केंद्रित )
संकलन – भीष्म कुकरेती
चमोली गढ़वाल में प्राचीनतम से लेकर नई शैली के काष्ठ कलयुक्त भवनों की सूची मिलीं हैं। आज तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) के एक भवन की काष्ठ कला शैली पर चर्चा होगी।
तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) का प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। प्रस्तुत भवन में तल तल (ground floor ) व पहले तल पर काष्ठ कला महत्वपूर्ण है।
भवन के तल तल में एक कक्ष को छोड़ अन्य कक्षों व खड़कियों के द्वार ज्यामिति कटान से निर्मित हैं। खोली के द्वार भी सपाट हैं किन्तु स्तम्भ कलेक्ट व अंकन युक्त हैं। स्तम्भों के आधार में अधोगामी पद्म दल की संरचना उत्कीर्णित हुयी है , ऊपर ड्यूल है व इसके ऊपर एक चौखट में स्वयं हंस की गर्दन संरचना दृष्टिगोचर हो रही है।
इस विशेष स्वयं गर्दन संरचना (जो अब तक के सर्वेक्षण में गढ़वाल में कम ही पायी गईहै ) के ऊपर स्तम्भ तीन भागों में खड़ी / वर्टिकली में बंट गए हैं। एक खड़े भाग में प्राकृतिक बेल बूटों का अंकन हुआ है जैसे केले के फल हों। मुरिन्ड /मथिण्ड (शीर्ष की कड़ी ) चौखट है (जितनी छायाचित्र में दिख रही है ) व उस चौखट में चतुर्भुज या बहुभुजीय देव मूर्ति स्थापित हुयी है।
भवन में पहले तल पर काष्ठ छज्जा बंधा है जिस पर जंगलें स्थापित हुए हैं। मुख्य जंगल पर दस या ग्यारह स्तम्भ हैं जो सपाट चौखट हैं। आधार पर रेलिंग है व रेलिंग मध्य उप जंगल बंधा है जिस पर XIX नुमा लघु स्तम्भ हैं। सभी काष्ठ संरचनाएं ज्यामितीय कटान से निर्मित हुए हैं।
निष्कर्ष निकलता है कि तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) के प्रस्तुत भवन में ज्यामितीय कटान , प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण की कला विद्यमान है। संभवतया देव मूर्ति धातु की है।